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इस्राईल के ख़िलाफ़ ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले की ख़ास बातें

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इस्राईल के ख़िलाफ़ ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले की ख़ास बातें

ईरान ने जो ऑप्रेशन किया उसका नाम "सच्चा वादा" था।

इस ऑप्रेशन का लक्ष्य एक व्यापक युद्ध नहीं था और उसमें ईरान की पूरी सैनिक शक्ति का प्रयोग नहीं किया था परंतु एक बार फिर ईरान की मिसाइल शक्ति और लक्ष्य को सटीक रूप से भेदने की क्षमता को दर्शा दिया गया। बच्चों की हत्यारी जायोनी सरकार के खिलाफ़ ईरान का हमला सीरिया में ईरानी कांउसलेट पर इस्राईली हमले का जवाब था। इस आप्रेशन की बहुत सी ख़ास बातें हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

1- ऑप्रेशन "सच्चा वादा" को अंजाम देने के लिए या रसूल अल्लाह कोड वर्ड का जो चयन किया गया उसका एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने पूरे इस्लामी जगत के प्रतिनिधि के रूप में जायोनी सरकार को लक्ष्य बनाया।

 2- ईरान ने जायोनियों की रेड लाइनों को नज़रअंदाज़ करते हुए अपनी ज़मीन से और उनकी कल्पना से परे बहुत बड़ा व विस्तृत हमला किया।

 3- "सच्चा वादा" ऑप्रेशन में ईरान और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ ने अपने सबसे आक्रामक हमले का अनुभव एसी हालत में किया कि न केवल इस्राईल बल्कि उसके सबसे बड़े घटक यानी अमेरिका ने भी अपनी सबसे बड़ी डिफ़ेंसिव हालत का अनुभव किया। गत रात्रि उन्होंने केवल यह कोशिश की कम से कम मिसाइल अपने निशाने पर लगें और कम से कम नुक़सान हो।

 4- "सच्चा वादा" नामक आप्रेशन ने स्पष्ट कर दिया कि ईरान की सैन्य शक्ति के बारे में लगाए गए अनुमान सही हैं। यह अनुमान वर्षों से बता रहे थे कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, पश्चिम एशिया के बड़े क्षेत्र को अपने शत्रुओं के विरुद्ध एकजुट कर सकता है और साथ ही सैन्य अभियानों में भी शामिल हो सकता है।

 5- सच्चा वादा नामक आप्रेशन की प्लैनिंग हालांकि एक संपूर्ण युद्ध के आधार पर नहीं की गई थी इसीलिए इसमें पूरी सैन्य शक्ति और सैन्य तकनीक का प्रयोग नहीं किया गया लेकिन इसने ईरान की मिसाइल क्षमता की सटीकता की पुष्टि कर दी। ईरान ने केवल सैन्य ठिकानों को ही लक्ष्य बनाया जिसके अन्तर्गत सटीक निशाने पर मिसाइल पहुंचे। इसी के साथ ईरान के मिसाइलों और ड्रोन के मुक़ाबले में इस्राईल की सैन्य तकनीक का नाकारापन भी जगज़ाहिर हो गया।

 6- सच्चा वादा नामक आप्रेशन से संबन्धित बहुत सी ऐसी बातें बाक़ी रह गई हैं जिनपर चर्चा की जा सकती है जैसे उनको कितनी दूरी से प्रयोग किया गया, टारगेट तक पहुंचने में उनकी सटीकता कैसी रही, मिसाइलों तथा ड्रोन की संख्या और उनके प्रकार, दुश्मन को इनसे होने वाली क्षति तथा इस हमले के ख़ुफ़िया आयाम आदि। यह बातें अपनी जगह मगर पहली प्रतिक्रिया यही है कि ईरान ने विश्व के एक बहुत ही महत्वपूर्ण, बड़े एवं उन्नत मिसाइल और ड्रोन आप्रेशन को अंजाम दिया है। 

7- "सच्चा वादा" नामक अभियान ने इस्राईल के उस दावे की पोल खोल दी जिसके अन्तर्गत उसको अमरीका के निकटतम घटक के रूप में क्षेत्र की सबसे बड़ी और आधुनिक शक्ति के रूप में प्रचारित किया गया था। इन दावों में से एक दावा यह भी था कि ईरान का शत्रु इस बात में सक्षम है कि इलेक्ट्रानिक युद्ध में वह अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से हमले से पहले ही हमलावर मिसाइलों और ड्रोन विमानों को ध्वस्त कर देगा। इसी तरह से उसके और भी कई दावों की हवा, सच्चे वादे ने निकाल कर रख दी।

 8- "सच्चा वादा" आप्रेशन के साथ ही पश्चिमी एशिया क्षेत्र अब दो कालखंडों में बंट जाएगा। एक इससे पहले और दूसरा इसके बाद में। ईरान ने कई समीकरणों को धराशाई कर दिया जिनमें सबसे महत्वपूर्ण, क्षेत्र के स्ट्रैटेजिक समीकरण का धराशाई होना है। यह विषय अपने भीतर इस संदेश को लिए हुए है कि अब के बाद से ईरान, नई इंडीकेडर्ज़ के आधार पर काम कर रहा है। अब समीकरण बदलने लगे हैं। एसे में दूसरे पक्ष के पास इनको स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

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