लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह और आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि सैयद जवाद शहरिस्तानी के मध्य बैरूत में मुलाक़ात हुई है।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह और आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि सैयद जवाद शहरिस्तानी ने बैरूत में अपनी मुलाक़ात में लेबनान, इराक़ और क्षेत्र की ताज़ा स्थिति पर विचार विमर्श किया। इस मुलाक़ात में महत्वपूर्ण धार्मिक व राजनैतिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
ज्ञात रहे कि आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि सैयद जवाद शहरिस्तानी ने सोमवार से लेबनान का अपना दौरा आरंभ किया है। उन्होंने अपने इस दौरे में लेबनान के संसद सभापति नबी बिर्री, लेबनान के शिया मुफ़्ती अहमद क़बलान, हिज़्बुल्लाह के धार्मिक परिषद के प्रमुख शैख़ मुहम्मद यज़बिक, सैदा में सुन्नी समुदाय के मुफ़्ती सलीम सूसान और लेबनान के वरिष्ठ धर्म गुरू शैख़ हबीब नाब्लसी से अलग-अलल भंटवार्ताएं कीं।
बैरूत में कूटनयिक सूत्रों का कहना है कि बैरूत में कुछ शिया नेताओं या प्रतिनिधियों की उपस्थिति, इराक़ में शिया धड़ों के मध्य हिज़्बुल्लाह की मध्यस्थता के उद्देश्य से है और सैयद हसन नसरुल्लाह और मुक़तदा सद्र की मुलाक़ात इसी परिधि में है।
कहा जा रहा है कि इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि सैयद जवाद शहरिस्तानी और इराक़ के पूर्व प्रधानमंत्री नूरी मालेकी भी उपस्थित थे। इस प्रकार यह मुलाक़ात चार पक्षीय वार्ता में परिवर्तित हो गई।
लेबनान में एक राजनैतिक ने इससे पहले कहा था कि सैयद हसन नसरुल्लाह ने मुक़तदा सद्र को विश्वास में ले लिया है ताकि वह बग़दाद के अलख़ज़रा क्षेत्र में अपने समर्थकों की हड़ताल समाप्त करा दें।
मुक़तदा सद्र के समर्थकों ने दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री हैदर अलएबादी की ओर से सुधार के क्रियान्वयन न होने पर आपत्ति जताते हुए हड़ताल शुरु कर दी थी। कहा जा रहा है कि जब मुक़तदा सद्र ने बैरूत का दौरा किय था तो उसी समय सद्र धड़े का एक वरिष्ठ प्रतिनिधि मंडल ईरान के दौरे पर था।
इराक़ में राजनैतिक संकट गहराने का मुख्य कारण व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और राजनैतिक वर्चस्व तथा राजनीति में अधिक से अधिक की इच्छा है।