अमरीका के ओहायो राज्य में शिया और सुन्नी मुसलमान महिलाओं ने एक सम्मेलन का आयोजन किया ताकि यह साबित किया जा सके कि शिया और सुन्नी मुसलमानों में समानता, विभिन्नता से अधिक है।
कोलंबस डिसपैच के अनुसार ओहायो की शिया व सुन्नी महिलाओं का प्रयास है कि एक दूसरे के सहयोग से चरमपंथ का मुक़ाबला करें और इस्लाम के शांति संदेश को दूसरों तक पहुंचाएं।
इस रिपोर्ट के अनुसार ओहायो की शिया और सुन्नी महिलाओं ने वर्थिंग्टन चर्च की सदस्य बारबरा मेकवेकर द्वारा आयोजित सम्मेलन में भाग लिया।
इस सम्मेलन का उद्देश्य, विभिन्न धर्मों के मध्य समानताओं से लोगों को अवगत कराना था।
तुर्क अमरीकी सुन्नी मुसलमान और ओहायो यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गुलचीन ओज़र का कहना था चरपंथियों की आवाज़ हमेशा मीडिया में सुनाई देती है किंतु जो मुस्लिम महिलाएं यहां एकत्रित हुई हैं वह मध्यमार्ग में विश्वास रखती हैं।
उन्होंने कहा कि शिया व सुन्नी मतों में समानता , उनके मतभेदों से कई गुना ज़्यादा है इस लिए हम लोग समानताओं पर ध्यान देना चाहते हैं।
ओहायो राज्य के डबलिन नगर की शिया डॅाक्टर अयसर हमूदी ने कहा कि आतंकवादी गुट दाइश के हाथों मारे जाने वाले अधिकांश लोग, मुसलमान हैं और दाइश के आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं है क्योंकि जिसे भी ईश्वर में विश्वास होता है वह एेसे अपराध बिल्कुल नहीं कर सकता।
उन्होंनें कहा कि कोई भी धर्म अपने भाईयों, अपने देश वासियों और इन्सानों से नफरत करना नहीं सिखाता और इस्लाम तो भाईचारे का धर्म है।