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ईरान व दक्षिण कोरिया के संबंध अमरीकी प्रभाव से दूर रहें

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ईरान व दक्षिण कोरिया के संबंध अमरीकी प्रभाव से दूर रहें

दक्षिणी कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्योनहे ने सोमवार की शाम इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने एशियाई देशों के साथ सहयोग में विस्तार के लिए ईरान की सकारात्मक दृष्टि की ओर संकेत करते हुए ईरान व दक्षिणी कोरिया के बीच निरंतर व टिकाऊ संपर्क को दोनों देशों के लिए लाभदायक बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच होने वाले समझौते इस प्रकार होने चाहिए कि उन पर बाहरी तत्व व प्रतिबंध, नकारात्मक प्रभाव न डालने पाएं क्योंकि यह बिल्कुल भी उचित नहीं है कि ईरान व दक्षिणी कोरिया जैसे देशों के संबंध अमरीका के प्रभाव में रहें। आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने क्षेत्र और विश्व में मौजूद सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण समस्याओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद और अशांति के ख़तरे से सही व वास्तविक ढंग से न निपटा गया तो भविष्य में उसका उपचार अधिक कठिन हो जाएगा और कोई भी देश इस ख़तरे से सुरक्षित नहीं रहेगा।


वरिष्ठ नेता ने अमरीका द्वारा आतंवाद के अच्छे और बुरे जैसे वर्गीकरण के बारे में कहा कि अमरीका, आतंकवाद से संघर्ष का नारा लगाता है लेकिन व्यवहार में वह सच्चाई के साथ काम नहीं करता, जबकि आतंकवाद हर स्थिति में और हर रूप में बुरा और देशों की सुरक्षा व राष्ट्रों के लिए ख़तरनाक है क्योंकि सुरक्षा के बिना कभी भी वांछित प्रगति नहीं हो सकती।

इस मुलाक़ात में, जिसमें राष्ट्रपति रूहानी भी उपस्थित थे, दक्षिणी कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्योनहे ने अपनी तेहरान यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के विकास और परस्पर विश्वास में वृद्धि के लिए मूल्यवान अवसर बताया और कहा कि हमने प्रतिबंधों के काल में भी इस बात का प्रयास किया कि जहां तक संभव हो ईरान में अपनी उपस्थिति जारी रखें। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में दोनों देशों के संबंधों में विशेष कर आर्थिक क्षेत्र में पहले से अधिक विस्तार आएगा।

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