ज़ायोनी शासन, मुसलमानों के अति पवित्र स्थल, मस्जिदुल अक़सा को शहीद करने के प्रयास में अब भी लगा हुआ है।
फ़िलिस्तीन के वक़्फ़ व धार्मिक मामलों के मंत्री ने कहा है कि ज़ायोनी शासन, मस्जिदुल अक़सा को शहीद करने के प्रयास में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि ज़ायोनी सैनिकों का मस्जिदुल अक़्सा पर धावा, इस पवित्र स्थल को आग लगाने के अपराध से कम नहीं है।
शैख़ यूसुफ़ इदईस ने ज़ायोनियों द्वारा मस्जिदुल अक़्सा को आग लगाने की 47वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि इन हमलों के संबंध में विश्व समुदाय की ख़ामोशी ने ज़ायोनियों में इस पवित्र स्थल का अनादर करने का दुस्साहस बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि क़ुद्स शहर के अतिग्रहण के समय से ज़ायोनी शासन ने मस्जिदुल अक़्सा को गिराने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपनाए हैं।
शैख़ यूसुफ़ इदईस ने बताया कि ज़ायोनी, हर महीने 50 बार से ज़्यादा मस्जिदुल अक़्सा पर हमले करते हैं।
फ़िलिस्तीन के वक़्फ़ व धार्मिक मामलों के मंत्री ने इस्लामी सहयोग सगंठन सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से अपील की कि मस्जिदुल अक़्सा के ख़िलाफ़ ज़ायोनी शासन की उन गतिविधियों को रुकवाने के लिए इस्राईल पर दबाव डाला जाए जिनका लक्ष्य इस पवित्र स्थल की ऐतिहासिक वास्तविकता को बदलना है।
ज्ञात रहे कि 21 अगस्त सन 1969 को आस्ट्रिलियन मूल के एक ज़ायोनी "माइक रोहन" ने मस्जिदुल अक़सा में आग लगाई थी। रविवार को इस घटना की 47वीं बरसी पर ज़ायोनी शासन ने बैतुल मुक़द्दस में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये थे जिसके कारण यह नगर एक छावनी में परिवर्तित हो गया है।