मस्जिदुल अक़्सा को आग लगाने की 47वीं बरसी पर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों ने इस पवित्र स्थल को बचाने पर बल दिया है।
अलआलम के अनुसार, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों ने मस्जिदुल अक़्सा को यहूदी रंग देने की ज़ायोनी शासन की नीति के तहत इस पवित्र स्थल पर हमलों की भर्त्सना की। स्वशासित फ़िलिस्तीन की संसद में क़ुद्स मामले के प्रमुख अहमद अबू हलबिया ने कहा कि ज़ायोनी, मस्जिदुल अक़्सा के चारों ओर सुरंग खोदने के बावजूद अभी भी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके हैं। फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद आंदोलन के नेता अहमद मुदल्लिल ने कहा कि प्रतिरोध को जारी रखने और अतिग्रहणकारियों को मस्जिदुल अक़्सा, क़ुद्स और पश्चिमी तट में पराजित करने में ही फ़िलिस्तीनियों का हित है।
हमास के प्रवक्ता सामी अबू ज़ोहरी ने कहा कि आज मस्जिदुल अक़्सा में आग लगाने की बरसी का दिन अरब व इस्लामी जगत को यह संदेश देता है कि वह अतिग्रहणकारियों के अपराध के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध को मज़बूत करने और मस्जिदुल अक़्सा को बचाने के लिए उठ खड़ा हो। हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन क़स्साम ने भी रफ़ह में एक समारोह में सैन्य परेड आयोजित कर प्रतिरोध की अहमियत को प्रदर्शित किया।