तेहरान मस्जिदों के इमामों की सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई से मुलाक़ात
अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: इक्कीस अगस्त की तारीख, ऑस्ट्रेलियाई मूल के चरमपंथी यहूदियों की ओर से मस्जिदुल अक़सा को जलाए जाने की सैंतालीसवीं बरसी है, जिसे मस्जिद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इक्कीस अगस्त की तारीख को ईरान के सुझाव और अनुरोध पर इस्लामी सहयोग संगठन की ओर से मस्जिद दिवस का नाम दिया गया था ताकि मस्जिदों की पवित्रता और सम्मान को निश्चित बनाया जा सके।
तेहरान की मस्जिदों के इमामों की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई से होने वाली इस बैठक में उन्होंने मस्जिदों को सांस्कृतिक प्रतिरोध की धुरी और सामाजिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण सेंटर बताया। उन्होंने कहा 47 साल ग़ुज़र जाने के बाद आज भी मस्जिदुल अक़सा मज़लूम और इस्राईल के ज़ुल्म का शिकार है।