ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने रविवार को ईरान की इस्लामी क्रांति संरक्षक बल आईआरजीसी के कमांडरों के साथ मुलाक़ात में इस सैन्य बल की सुरक्षा पर बल देते हुए कहा, सुरक्षा का अर्थ समय में ठहर जाना नहीं है, बल्कि दुश्मन की प्रगति और उसके उपकरणों में बदलाव के साथ साथ स्वयं की वैज्ञानिक प्रगति में ठहराव नहीं आना चाहिए और आगे बढ़ने से रुकना नहीं चाहिए।
वरिष्ठ नेता का कहना था कि देश के भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था की स्थापना, आईआरजीसी की ज़िम्मेदारियों में से है, इसलिए कि अगर देश की सीमा के बाहर शांति नहीं होगी और सीमाओं के बाहर ही दुश्मन को नहीं रोका जाएगा तो आंतरिक सुरक्षा भी ख़तरे में पड़ जाएगी।
विश्व घटनाक्रमों में ईरान की भूमिका की ओर संकेत करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, अगर ईरानी अधिकारी और जनता प्रतिरोधी अर्थव्यवस्था को वास्तविक रूप में लागू करने में सफल हो गयी तो वे अन्य देशों को भी सुरक्षित रख सकेंगे और उनके लिए आदर्श बन जायेंगे।
उन्होंने कहा कि अधिक दबाव, प्रतिबंधों और धमकियों के बावजूद, ईरानी राष्ट्र दिन प्रतिदिन मज़बूत हो रहा है और इस्लामी क्रांति का पौधा फलफूल रहा है।