राष्ट्र संघ के बाद यूरोपीय संघ ने रोहिंग्या मुसलमानों की वर्तमान दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
यूरोपीय संघ की ओर से जारी बयान में म्यंमार के राख़ीन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इस समुदाय के लिए मानवीय सहायता भेजे जाने की मांग की है।
दूसरी ओर अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्रसंघ के एक उच्चाधिकारी ने कहा था कि म्यंमार प्रशासन, रोहिंग्या मुसलमानों का जातीय सफाया कर रहा है। जान मैक्किसिक ने कहा कि म्यांमार की पुलिस और वहां के सीमा सुरक्षाबल 9 अक्तूबर से रोहिंग्या मुसलमानों को सामूहिक रूप से दंडित कर रहे हैं। जून के अंत में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपनी एक रिपोर्ट में घोषणा की थी कि रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध म्यंमार सरकार की कार्यवाही को मानवता के विरुद्ध अपराध कहा जा सकता है।
ज्ञात रहे कि म्यंमार की सरकार इस देश के राख़ीन प्रांत में रहने वाले 13 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानोंं को अपना नागरिक स्वीकार नहीं कर रही है बल्कि उनको अवैध प्रवासी घोषित किया है। यही कारण है कि रोहिंग्या मुसलमान लंबे समय से विषम परिस्थितियों में रह रहे हैं।