म्यांमार के उप विदेशमंत्री ने म्यांमार के मुसलमानों के जनसंहार के बारे में मलेशिया के प्रधानमंत्री के बयान पर आपत्ति जताते हुए मलेशिया के राजदूत को विदेशमंत्रालय में तलब किया है।
न्यूज़ इलेवन की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के उप विदेशमंत्री ने बुधवार को मलेशिया के राजदूत हनीफ़ बिन अब्दुर्रहमान को तलब करके देश के बारे में मलेशियाई प्रधानमंत्री के बयान पर स्पीष्टीकरण मांगा है।
म्यांमार के उप विदशेमंत्री "तीन कियाओ" ने मलेशिया के राजदूत से मुलाक़ात में राख़ीन प्रांत में मुसलमानों के जातीय जनसंहार के समाचारों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि मलेशिया के प्रधानमंत्री के ग़ैर ज़िम्मेदाराना बनाया से क्षेत्र में हिंसा बढ़ सकती है।
ज्ञात रहे कि रविवार को मलेशिया के हज़ारों लोगों ने प्रधानमंत्री नजीब तून रज़्ज़ाक़ की उपस्थिति में कुआल्लांमपूर के एक स्टेडियम में एकत्रित होकर म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार की निंदा की थी।
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने भाषण में म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार की निंदा करते हुए म्यांमार की विदेशमंत्री और सरकार की सर्वोच्च सलाहकार आंग सांग सूची से मांग की थी कि मुसलमानों का जनसंहार रोका जाए और उनकी रक्षा की जाए।
म्यांमार के राख़ीन प्रांत में 2012 से रोहिंग्या मुसलमानों पर बौद्ध चरमपंथियों के हमले हो रहे हैं।