तीसवां अतंरराष्ट्रीय एकता सम्मेलन, शनिवार की रात इस्लामी जगत में एकता तथा इस्लामी देशों के खिलाफ साज़िशों की ओर से सचेत रहने की ज़रूरत पर बल के साथ संपन्न हो गया।
एक एकता सम्मेलन के घोषणा पत्र में इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वालों ने इस्लामी देशों में जारी परिवर्तनों का जायज़ा लिया तथा इसलामी जगत में मतभेदों को खत्म करने के लिए बनायी गयी योजनाओं को तत्काल लागू किये जाने की मांग की।
घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर विशेष ध्यान दिये जाने की ज़रूत पर बल दिया गया।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि इस्लामी एकता और तकफीरी आतंकवादियों के खिलाफ संघर्ष, इस सम्मेलन का मुख्य नारा था।
बयान में बताया गया कि सम्मेलन में भाग लेने वालों ने तकफीरी विचारधारा और मुसलमानों की एकता को उससे पहुंचने वाले नुक़सान का जायज़ा लिया और इस बात पर बल दिया कि तकफीरी विचारधारा मुसलमानों के मध्य एकता की सब से बड़ी दुश्मन है इस लिए एकता के लिए काम करने वाले सभी लोगों को तकफीरी विचारधारा का मुक़ाबला करना चाहिए।
तीसवें अंतरराष्ट्रीय इस्लामी एकता सम्मेलन के घोषणापत्र में फिलिस्तीन के विषय को यथावत महत्व दिये जाने की ज़रूरत पर बल दिया गया और इसी प्रकार इराक और सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ जनता की विजय पर बधाई दी गयी और यह उम्मीद प्रकट की गयी कि इस्लामी जगत की मदद से और इन देशों की जनता के त्याग व बलिदान से इराक और सीरिया में यथाशीघ्र हालात सामान्य हो जाएंगे।
सम्मेलन में भाग लेने वालों ने यमन में प्रतिदिन जनसहांर और उस पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों की खामोशी की आलोचना की और यह मांग की गयी कि यमन की जनता को बचाने के लिए यथाशीघ्र क़दम उठाया जाए।
तीसवां अंतरराष्ट्रीय इस्लामी एकता सम्मेलन गुरुवार को तेहरान में आंरभ हुआ था। शनिवार की रात खत्म होने वाले इस सम्मेलन में इस्लामी जगत सहित साठ देशों से सैंकड़ों बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।