पाकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी इस संगोष्ठी में विभिन्न शिया और सुन्नी दलों जैसे जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान, शिया उलेमा काउंसिल, मजलिसे वहदतुल मुस्लिमीन के विद्वानों और विचारकों और अन्य दलों ने भाग लिया।
इस सेमिनार के वक्ताओं ने दुनिया में मुसलमानों की समस्याओं को हल करने के लिए उचित तरीकों की तलाश और मुस्लिम एकता में विद्वानों की भूमिका पर भाषण दिऐ।
इस संगोष्ठी में जो कि "एकता वीक और ईद मिलाद नबी (स.) " के अवसर पर आयोजित की गई थी, अल्लामा सैयद साजिद अली नक़वी, पाकिस्तान में सर्वोच्च नेता प्रतिनिधित्व, मौलवी राजा नासिर अब्बास, मुस्लिम एकता की परिषद के महासचिव और लियाकत बलूच, जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के महासचिव ने इस्लामी संप्रदायों के बीच एकता पर जोर देने के साथ, सुन्नियों और शियाओं के बीच मतभेद को इस्लाम के दुश्मनों की साजिश बताई और पाकिस्तान में एकता पैदा करने में विद्वानों की भूमिका की बात की।
सेमिनार में मौजूद उलमा ने वर्तमान इस्लामी दुनिया में समस्याओं की ओर इशारा करते हुऐ मानव व इंसानी मुल्यों की रक्षा में उलमा व धार्मिक विचारकों की भूमिका को ज़रूरी तथा मुस्लिम विश्व में मतभेद को खतरनाक बताया।
वक्ताओं ने बल दियाःवर्तमान समय में इस्लामी समुदाय को उच्च स्तर पर समझौते व ऐकता की ज़रूरत है और यह समझ और ऐकता इस्लामी समुदाय में हासिल हो सकता है जब ऐक संयुक्त बोलती ज़बान वजूद में आजाऐ। और यह समझ और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिऐ एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना पड़ेगा, इस्लामी समुदायों में ऐकता के लिऐ ऐक दूसरे की सुनना,सम्मान करना और स्वीकार करने का माहौल बनाना पड़ेगा।