वाशिंग्टन पोस्ट ने ईरान के विरुद्ध दबाव बढ़ाने के लिए ट्रंप सरकार की नीतियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान पिछले चालीस वर्षों के दौरान वर्तमान समय में सबसे शक्तिशाली देश है।
वाशिंग्टन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप, ईरान पर दबाव डालना चाहते हें किन्तु अब ईरान पहले से अधिक शक्तिशाली है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रंप ने ईरान के विरुद्ध कठोर नीति के लिए अरब जगत के दृष्टिकोणों को आकर्षित कर लिया है किन्तु यह रिस्क भी मौजूद है कि ईरान पिछले चालीस वर्ष के दौरान इस समय सबसे शक्तिशाली है।
डोनल्ड ट्रंप ने पिछले समाप्त सचेत करते हुए कहा था कि ईरान पर उनकी विशेष दृष्टि है। समाचार पत्र लिखता है कि ट्रंप के इस बयान से पता चलता है कि वह ओबामा की नीतियों से दूर होना चाहते हैं और परमाणु समझौते के बाद ईरान और अमरीका के मध्य तनाव समाप्त काम करने की जो चर्चा हो रही है, उसे प्रभावित कर रहे हैं।
वाशिंग्टन पोस्ट ने लिखा कि क्षेत्र के बहुत से लोग यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि ईरान और अमरीका के मध्य स्थिति जार्ज बुश के काल में पाए जाने वाले तनाव जैसी हो गयी है जब तेहरान और वाशिंग्टन की कार्यवाहियां इराक़ में युद्ध छिड़ने का कारण बनीं, मध्यपूर्व क्षेत्र में शिया और सुन्नी विवाद गहरा गया, अमरीका का मुख्य घटक इस्राईल, ईरान के मुख्य घटक हिज़्बुल्लाह के साथ कठिन युद्ध में कूद पड़ा।
इस रिपोर्ट में लिखा गया कि वर्तमान समय में अमरीका को एक शक्तिशाली ईरान का सामना है, उस देश से सामना है जिसने अरब जगत में पिछले छह वर्ष के दंगों और अशांति से लाभ उठाया और इसी के साथ निरंतर अपनी सैन्य क्षमताओं में वृद्धि करता रहा है।
नई अमरीकी सरकार में सुरक्षा केन्द्र के टीकाकार निकोलस हेरास इस संबंध में कहते हैं कि ईरान से मुक़ाबला करने या तेहरान पर दबाव डालने की प्रक्रिया से संभव है कि स्वयं को एक व्यापक और विस्तृत विवाद में उलझा लें जो विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ख़तरनाक होगी और अमरीका के घटक या अमरीका का भीतरी जनमत जिसको सहन करने की क्षमता नहीं रखता।