ईरान की इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने विशेषज्ञ एसेंबली के सदस्यों मुलाक़ात में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय साम्राज्यवाद और अत्याचार से मुक़ाबला तथा ईमान रखने वालों पर अपना वर्चस्व जताने की नास्तिकों की कोशिशों पर अंकुश इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनिवार्य आयाम हैं।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को होने वाली इस मुलाक़ात में कहा कि ईरान में शुद्ध इस्लाम के लागू होने होने के नतीजों में बड़ी शक्तियों पर निर्भरता से देश की मुक्ति तथा इन ताक़तों के लिए ईरान के दुरुपयोग का रास्ता बंद हो जाना है। आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने ईरान से विश्व की विस्तारवादी शक्तियों की दुशमनी का हवाला देते हुए कहा कि अमरीका और ज़ायोनी शासन की दुशमनी बहुत भीषण और व्यवहारिक रूप में नज़र आने वाली है लेकिन शक्तियां एसी हैं जो ज़बान और व्यवहार से अपनी दुशमनी इस तरह ज़ाहिर नहीं करते।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने अपने भाषण में कहा कि संस्कृति के मैदान में व्यापक मगर ख़ामोश हमला और आर्थिक दबाव दुशमन मोर्चे की गतिविधियों और योजनाओं का केन्द्रीय बिंदु है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य जनता को ईरान की इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था से निराश करना है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई का कहना था कि दुशमनों की साज़िशों और योजनाओं को विफल बनाने का बुनियादी रास्ता तर्क पर आधारित मज़बूत और आक्रमक मुक़ाबला है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार, आतंकवाद और युद्ध अपराध सहित हर मामले में पश्चिम के मुक़ाबले में आक्रामक रुख़ अपनाने की ज़रूरत है।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने ईरान में होने वाले चुनावों के बारे में अमरीका की हालिया टिप्पणी को ख़ारिज करते हुए कहा कि अमरीका जो क्षेत्र की सबसे दुष्ट और सबसे अमानवीय सरकार से सहयोग कर रहा है और जिसने अपने हालिया चुनावों में भारी निर्लज्जता दिखाई, वह ईरानी जनता के चुनावों पर उंगली उठा रहा है!
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहि उज़्मा ख़ामेनई ने दुनिया और विशेष रूप से पश्चिमी एशिया में इस्लामी गणतंत्र ईरान के रणनैतिक प्रभाव को हालिया चार दशकों की बहुत बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि ईरान के बढ़ते हुए प्रभाव और इस्लामी व्यवस्था के लिए राष्ट्रों की ओर से बढ़ते समर्थन के कारण अमरीका तिलमिलाया हुआ है।
ज्ञात रहे कि गुरुवार को विशेषज्ञ एसेंबली ने अपनी बैठक समाप्त होने के बाद इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।