ईरानी जनता ने प्रतिबंधों के बावजूद घुटने नहीं टेके।

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ईरानी जनता ने प्रतिबंधों के बावजूद घुटने नहीं टेके।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने धार्मिक मामलों और क्रांति के मूल्यों पर प्रतिबद्धता को ईरानी जनता की एकता का प्रतीक बताया।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पवित्र नगर मशहद में हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पवित्र रौज़े में दसियों हज़ार श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के जनसैलाब को संबोधित करते हुए नये हिजरी शम्सी साल को देश के लिए एक महत्वपूर्ण साल बताया।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह वर्ष आर्थिक दृष्टि से भी और अगले राष्ट्रपति और नगर परिषद चुनाव के दृष्टिगत भी महत्वपूर्ण है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले वर्ष ईरान की जनता ने कुछ आर्थिक समस्याओं के बावजूद राजनैतिक व क्रांति के मैदानों में शानदार उपलब्धियां अर्जित कीं और विश्व क़ुद्स दिवस तथा स्वतंत्रता दिवस के जूलूसों में एेतिहासिक उपस्थिति दर्ज करके क्रांति से अपनी निष्ठा का एक बार फिर भरपूर सबूत पेश किया।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में ईरानी जनता की व्यापक उपस्थिति यह सिद्ध करती हे कि देश के राजनैतिक मामलों और क्रांतिकारी लक्ष्यों की रक्षा की बात हो हर क्षेत्र में पूरी तरह एक जुट है।
इस्लामी क्रांंति के वरिष्ठ नेता ने ईरानी जनता की एकता और क्रांति, इस्लामी व्यवस्था और धार्मिक मूल्यों पर प्रतिबद्धता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि नववर्ष भी इसीलिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आर्थिक मामलों को देश के मामलों में सर्वोपरि बताया और कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि आर्थिक मामलों में गतिशीलता का प्रदर्शन किया जाए।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि ईरान के अधिकारियों की दृष्टि से आर्थिक मामले सर्वेोपरि हैं तो दुश्मन ने भी इन्हीं मामलों को अपनी प्राथमिकता में क़रार दे रखा है और दुश्मन ईरान को आर्थिक मामलों में कमज़ोर करके जनता और सरकार के मध्य दूरी पैदा करना चाहता है ताकि वह इस प्रकार अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान के नादान दुश्मन वर्षों से इस मैदान में अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं किन्तु वह अब तक विफल रहे हैं और भविष्य में भी उनको सफलता प्राप्त नहीं होगी।

 

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