इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने चुनावी प्रक्रिया सहित विभिन्न क्षेत्रों में जनता की भागीदारी को निर्णायक बताया है।
मज़दूर दिवस के अवसर पर ट्रेड यूनियन के अधिकारियों और मज़दूरों के समूह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा कि मैदान में जनता की भरपूर उपस्थिति के ही कारण ईरान से दुश्मन और दुश्मन के युद्ध का साया हमेशा दूर रहा है और चुनाव सहित विभिन्न मैदानों में जनता की भरपूर उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा में निर्णायक भूमिका रखती है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि ईरान की जनता कर्म के मैदान में मौजूद रही तो देश भी सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि जनता की कर्म के मैदान में उपस्थिति के कारण ही हमारे दुश्मन ईरान के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कठिन कार्यवाही से बचते रहे हैं।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि दुश्मन, राजनैतिक मैदान में ईरानी जनता की उपस्थिति से भयभीत हैं। उन्होंने कहाकि यह एक एेसी वास्तविकता है जो दुश्मन को पीछे हटने पर विवश कर देती है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति चुनाव और नगर परिषद चुनाव में जनता की भरपूर उपस्थिति पर बल देते हुए कहा कि दुश्मन कर्म के मैदान में जनता की वास्तविक अर्थों में भागीदारी से डरता है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पिछले चालीस वर्षों के दौरान ईरान की जनता और इस्लामी व्यवस्था के मध्य पाए जाने वाले गहरे संबंध की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्षेत्र में ईरान का विकास और प्रगति, प्रतिष्ठा और प्रभाव, जनता और सरकार के मध्य संबंध और सहयोग की देन है।
वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति चुनाव के सभी छह प्रत्याशियों को सलाह दी है कि वह अपनी नीयतों में निष्ठा पैदा करें और जनता की सेवा और विशेषकर कमज़ोर वर्ष की सेवा के लिए आगे आएं और पिछड़ेवर्ग का खुलकर समर्थन करें।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ ने विभिन्न देशों में राजनैतिक व सामाजिक मैदान में मज़दूरों की भूमिका और इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से आज तक ईरान के मज़दूर वर्ग को इस्लामी व्यवस्था के सामने ला खड़ा करने के बारे दुश्मनों के प्रयासों की ओर संकेत करते हुए कहा कि समस्त कुप्रयासों के बावजूद ईरान के मज़दूरों ने हमेशा इस्लामी व्यवस्था का समर्थन किया और वास्तव में हमारे सभ्य परिश्रमी वर्ग ने इस पूरे काल में दुश्मनों के मुंह पर ज़ोरदार थप्पड़ रसीद किए हैं।