27 मई 2017 को तेहरान में पवित्र क़ुरआन की सभा में वरिष्ठ नेता बोलते हुए
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने सऊदी शासन को अयोग्य क़रार देते हुए कहा है कि ये शासन न सिर्फ़ यह कि क़ुरआन पर आस्था का ढोंग करता है बल्कि व्यवहारिक रूप से पवित्र क़ुरआन की शिक्षाओं के ख़िलाफ़ क़दम उठाता है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने शनिवार को तेहरान में पवित्र क़ुरआन की तिलावत की विशेष सभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि इस्लामी समाज दूसरे समाजों की तरह समस्याओं में घिरा हुआ है और इस्लामी समाजों का भविष्य सऊदी सरकार की तरह अयोग्य व्यक्तियों के हाथ में है।
उन्होंने कहा कि ये लोग पवित्र क़ुरआन पर आस्था का ढोंग करते हैं, यहां तक कि क़ुरआन की लाखों प्रतिंया छपवाते हैं लेकिन अमल में नास्तिकों से दोस्ती बढ़ाते हैं जो पवित्र क़ुरआन के आदेश के ख़िलाफ़ है।
वरिष्ठ नेता ने यमन और बहरैन में जारी धर्म विरोधी कृत्यों की भर्त्सना करते हुए कहा कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे असत्य पर हैं और उनका पतन होकर रहेगा क्योंकि यह क़ुरआन का वादा है। उनके पतन का समय मुसलमानों की कोशिशों पर निर्भर है। अगर मुस्लिम जगत सही तरह क़दम उठाए तो उनके पतन की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा कि कुछ रूढ़ीवादी देश इस भ्रम में पड़े हुए हैं कि वे पैसों से इस्लाम दुश्मनों को दोस्त बना सकते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह की निकटता नहीं हो सकती जैसा कि ख़ुद अमरीकियों ने कहा है कि वे उनका दोहन करेंगे और फिर अंत में उन्हें अपने पास से भगा देंगे।