अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी ने "एबीसी"समाचार के अनुसार बताया कि मुस्लिम और पर्थ के ईसाई चर्च समुदाय के लोग़ इस साल पहली बार पर्थ चर्च में इस्लाम और ईसाइयत के सहयोग़ से इफ्तार का आयोजन किया ताकि एक दुसरे के साथ अधिक परिचित हों।
पर्थ शहर के मुसलमानों के इमामे जुमा "फैज़ल" का इरादा है कि चर्च की इमारत के प्रवेश द्वार के बगल में जल्द ही मस्जिद बनाई जाए उन्होंने इस बारे में कहा: कि इस समय जब इस्लाम गलतफहमी में घिरा हुआ है, इस्लाम और ईसाइयत के सहयोग़ से इफ्तार सबसे अच्छा तरीका है।
ईसाई मुस्लिम "Humphreys" ने कहा: कि इस्लाम और ईसाइयत एक कहानी का हिस्सा है और इसके पुराने के सभी निशान एक इंसान और एकता को दर्शाता है।
मुसलमानों की वकील "आयशा नोवाकोविच" ने कहा कि मुसलमानों के इमामे जुमा और पीटर"चर्च के पादरी के बीच दोस्ती आकर्षण है वो भी एसे समय में जब दुनिया लोग़ों के बीच फुट डालना चाहती है इन दो धार्मिक नेता के बीच दोस्ती हमें और पूरी दुनिया को बताती है कि जब नेतृत्व अच्छा होता है तो हम एकता तक पहुँच सकते हैं