अमरीकी कांग्रेस मे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने मिलकर एक प्रस्ताव रखा है जिसमें लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन पर नए प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।
इस प्रस्ताव के माध्यम से उन बैंकों पर दबाव डाला जाएगा जो हिज़्बुल्लाह की आर्थिक सहायता में सहयोग कर रहे हैं साथ ही उन देशों पर दबाव डाला जाएगा जो हिज़्बुल्लाह के मुख्य मददगार माने जाते हैं जिनमें सबसे प्रमुख ईरान है।
प्रस्ताव पेश करने वाले अमरीकी सांसदों का कहना है कि उन्होंने यह प्रस्ताव इस लिए रखा है कि हिज्बुल्लाह ने इस्राईल से लगने वाली लेबनान की पूरी सीमा पर मिसाइलों का नेटवर्क स्थापित कर दिया है। इस बात से यह भी साफ़ हो गया है कि हिज़्बुल्लाह के विरुद्ध यह प्रस्ताव कांग्रेस में पेश करने में अमरीका में मौजूद ज़ायोनी लाबी का हाथ है। इस लिए कि यह लाबी इस्राईल के हितों को अमरीका के हितों पर भी प्राथमिकता देती है।
हिज़्बुल्लाह पर अमरीका की ओर से प्रतिबंध लगाया जाना कोई नई बात नहीं है लेकिन यह भी सच्चाई है कि इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होता इस लिए कि हिज़्बुल्लाह के लोग बड़े निष्ठावान हैं और वो पैसे के पुजारी नहीं हैं और न ही उन्हें पद और संपत्ति में कोई ख़ास रूचि है, यह बड़े जियाले और निडर लड़ाके हैं जो ज़मीनों पर ग़ैर क़ानूनी रूप से क़ब्ज़ा करने वाले ज़ायोनी शासन से लड़ने में दक्ष हैं।
जब वर्ष 2006 की लड़ाई तथा इससे पहले के युद्ध हिज़्बुल्लाह को परास्त करने में विफल हो गए तो क्या अमरीकी प्रतिबंध वह लक्ष्य प्राप्त कर पाएंग जो एफ़16 विमान और मीरकावा टैंक नहीं प्राप्त कर सके।
यदि हिज़्बुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान को इस्राईली क़ब्ज़े से आज़ाद कराने की लड़ाई न लड़ी होती, सैयद हसन नसरुल्लाह के बेटे सैयद हादी हसन नसरुल्लाह सहित हज़ारों शहीदों की क़ुरबानी पेश न की होती, ज़ायोनी बस्तियों पर हज़ारों राकेट न बरसाए होते तो अमरीका हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह के लिए रेड कारपेट बिछाता।
अमरीका द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंध हिज़्बुल्लाह के लिए गौरव की बात है इससे हिज़्बुल्लाह के नेताओं का संकल्प और मज़बूत होगा और इस्राईल के विरुद्ध उनक प्रतिरोध में कहीं से कोई कही नहीं आएगी।
जब अधिकतक 200 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र ग़ज़्ज़ा दस साल से इस्राईली घेराबंदी का डट कर मुक़ाबला कर रहा है और अपने मिसाइल व अन्य हथियार लगातार विकसित कर रहा है तो क्या हिज़्बुल्लाह पर इस प्रकार के प्रतिबंधों का कोई असर होगा?!
यह दसअसल अमरीका और इस्राईल का भय और बौखलाहट है जो बड़े स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है हम हिज़्बुल्लाह के बारे में फ़िलिस्तीन के नेता यासिर अरफ़ात का मशहूर जुमला दोहराएंगे कि हे पहाड़ तुझे हवाएं हिला नहीं सकतीं!