राष्ट्रपति रूहानी ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था देश की स्वाधीनता की क़ीमत चुका रही है लेकिन दुश्मन की ओर से अलग थलग करने की कोशिश को कभी क़ुबूल नहीं करेगी।
राष्ट्रपति कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई की ओर से डॉक्टर हसन रूहानी की राष्ट्रपति के रूप में गुरुवार की नियुक्ति के बाद, राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि दुश्मनों की वैश्विक व्यवस्था में सक्रिय रूप से भागीदारी से रोकने की इच्छा के सामने नहीं ईरान नहीं झुकेगा। उन्होंने इसी प्रकार कहा कि मानव अनुभव से प्राप्त उपलब्धियों व बदलाव से दूर रखने की दुश्मन की इच्छा को भी ईरान क़ुबूल नहीं करेगा।
ईरानी राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि परमाणु समझौता जेसीपीओए सार्थक सहयोग के लिए ईरान की सद्भावना को दर्शाता है और यह समझौता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी रहा है, कहा कि अब ईरान विगत की तुलना में अधिक आत्म विश्वास व राष्ट्र के समर्थन से संविधान के अनुसार दुनिया के साथ सार्थक व प्रभावी सहयोग करेगा।
उन्होंने इस बात की ओर इशारा करते हुए कि इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था जनमत पर निर्भर व्यवस्था है, कहा कि जनता की भागीदारी इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था को बंद गली में जाने से बचाती है।
ईरानी राष्ट्रपति ने बारहवीं सरकार के आर्थिक कार्यक्रम को व्यवस्था की मूल नीतियों व प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि ईरान सरकार देश में आर्थिक क्रान्ति लाना चाहती है और आज की दुनिया में देश एक दूसरे से जुड़े व पड़ोस की हैसियत रखते हैं कि ऐसे हालात में दुनिया के साथ सार्थक सहयोग के बिना राष्ट्रीय विकास मुमकिन नहीं है।
ग़ौरतलब है कि गुरुवार की सुबह तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में राष्ट्रपति की नियुक्ति का समारोह आयोजित हुआ जिसमें वरिष्ठ नेता ने जनादेश को लागू करते हुए डॉक्टर हसन रूहानी को राष्ट्रपति के लिए नियुक्त किया। (MAQ/N)