इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने धार्मिक और क्रांतिकारी भावनाओं की मज़बूती को शिक्षा मामलों के ज़िम्मेदारों की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी बताया है।
सोमवार की सुबह यज़्द और हमदान के शिक्षण और सांस्कृतिक मामलों के अधिकारियों के एक गुट को संबोधित करते हुए इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने युवा पीढ़ी में क्रांतिकारी और जेहादी भावनाओं को मज़बूत किए जाने पर बल दिया।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिक्षा मामलों के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि वह संबंधित विभागों में क्रांतिकारी भावनाओं और गतिविधियों को मज़बूत बनाएं और उसका समर्थन करें।
वरिष्ठ नेता ने वर्तमान संसार में युवा पीढ़ी को गुमराह करने के उद्देश्य से अस्तित्व में आने वाले माहौल और संसाधनों की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस प्रकार के हानिकारक प्रोपेगैंडे और पथभ्रष्ट करने वाली आवाज़ों के मुक़ाबले में, युवाओं के मार्गदर्शन और मानसिक प्रशिक्षण के लिए भी बहुत अधिक संभावनाएं और संसाधन मौजूद हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने शहीद मोहसिन हुजजी को इस्लामी और क्रांतिकारी प्रशिक्षण का व्यवहारिक नमूना बताया। उन्होंने कहा कि एक एेसी दुनिया में जहां बुद्धि को दिगभ्रमित करने वाले असंख्य सुनने और देखने वाले रास्ते खुले हैं, शहीद मोहसिन हुजजी इस प्रकार उभर कर आए कि हम सब के सामने एक तर्क बन गये।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि वह क्रांति के इस महान और शक्तिशाली आंदोलन को जो, सौभाग्य से हमारे युवाओं में मौजूद है, और अधिक शक्तिशाली बनाएं और एेसे काम न करें कि विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और धार्मिक प्रचार के क्रम में क्रांतिकारी और इस्लामी भावनाओं के विरोधी आंदोलन को शक्तिशाली होने का अवसर मिले।