एक मानवाधिकार संगठन ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों और ख़ास तौर पर उनके बच्चों और औरतों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराध को बहुत ही भयानक बताया है।
सेव द चिल्ड्रेन संस्था ने जर्नम अख़बार ‘द वाल्ट’ में छपी एक रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार में बच्चों और औरतों के साथ जो हिंसक व्यवहार हुए हैं उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
हेल थॉर्निंग श्मिद ने जो इस संगठन की प्रमुख हैं, कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे भयानक रूप रोहिंग्या औरतों और बच्चियों ने झेला है। हेल थॉर्निंग श्मिद ने कहा कि लगभग सभी रोहिंग्या बच्चे उन ख़तरनाक घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जो उन्होंने अपनी आंखों से देखा है।
इस बाल अधिकार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, एक जवान महिला ने कहा कि उसने अपनी आंखों से देखा कि किस तरह एक म्यांमारी सैनिक ने एक गर्भवती महिला पर पेट्रोल छिड़क उसे ज़िन्दा जला दिया।
इस गवाह ने बताया कि एक और सैनिक को देखा जिसने एक बच्चे को उसकी मांग की गोद से छीन कर आग में डाल दिया।
इस रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार से बांग्लादेश पलायन करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों में लगभग 60 फ़ीसद बच्चे हैं।