इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल दिया है कि दाइश के अभिशप्त अस्तित्व का अंत अमरीका की पूर्व और वर्तमान सरकारों तथा इस क्षेत्र में उसके घटकों के लिए एक अघात है कि जिन्हों ने इस गुट को बनाया था और हर तरह से उसकी मदद की थी ताकि पश्चिमी एशिया में अपना वर्चस्व बढ़ाएं और अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन को इस क्षेत्र पर थोप सकें।
वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने क्रांति संरक्षक बल आईआरजीसी की कु़दस ब्रिगेड के कमांडर, जनरल क़ासिम सुलैमनी के पत्र का उत्तर देते हुए कहा कि ईश्वर अपने पूरे अस्तित्व से आभार प्रकट करता हूं कि उसने आप और आप के असंख्य साथियों के बलिदानों से भरे संघर्ष में मदद की और अत्याचारियों द्वारा बोए गये कांटों को उसने सीरिया और इराक़ में आप जैसे अपने योग्य दासों के हाथों साफ कराया।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह केवल अत्याचारी व निर्लज्ज दाइश के लिए ही अघात नहीं था बल्कि इस पराजय से, दाइश से अधिक उस दुष्टतापूर्ण नीति को नुक़सान पहुंचा है जिसके तहत भ्रष्ट दाइश संगठन के सरगनाओं द्वरा क्षेत्र में गृहयुद्ध भड़काने, ज़ायोनी शासन के विरोध प्रतिरोध मोर्चे के अंत और स्वाधीन सरकारों को कमज़ोर करने की साज़िश रची गयी थी।