भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने कहा है कि ईरान में हालिया दिनों मंहगाई के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों को विद्रोह बताकर साम्राजवादी शक्तियां ईरान को कमज़ोर दिखाने की कोशिश में लगी हुई हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ के इमामे जुमा और भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा है कि ईरान में हुए हालिया दिनों में महंगाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों को साम्राज्यवादी शक्तियों ने ग़लत ढंग से पेश करके ईरान को कमज़ोर दिखाने की एक नाकाम कोशिश थी, जिसको ईरान की समझदार जनता ने अपनी एकजुटता और वहां कि धार्मिक नेतृत्व पर अपना विश्वास जताकर विफल बना दिया है।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि छोटी-छोटी घटनाओं को ईरान की इस्लामी व्यवस्था के दुश्मन, मीडिया के माध्यम से ऐसे पेश कर रहा है कि जैसे ईरान की जनता वहां की सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही हो, जबकि सच्चाई यह है कि कुछ छोटे-छोटे प्रदर्शन बढ़ती महंगाई के विरुद्ध हुए थे। उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी, इस्राईली और सऊदी एजेंटों ने उन प्रदर्शनकारियों के बीच घुसकर उप्रदव करने का प्रयास किया जिसको ईरान की जनता और अधिकारियों ने बड़ी सूझबूझ से विफल बना दिया।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा की मंहगाई के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों में एक महिला द्वारा बुर्क़ा उतारने के वीडियो को इस्लाम दुश्मन मिडिया जिस तरह हाईलाइट कर रहा है उससे साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अमेरिकी और पश्चिमी देशों की मीडिया किसके इशारे पर इस तरह की झूठी ख़बरे फैला रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि इस्लाम में हिजाब का आदेश ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी (र.ह) या इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई की तरफ़ से नहीं है बल्कि ख़ुदा की ओर से दिया गाया आदेश है जिसको मानना हर मुसलमान पर अनिवार्य है।
भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि ईरान में इस्लामी व्यवस्था को कमज़ोर करने का साम्रज्यवादी शक्तियां जो सपना देख रही हैं वह कभी साकार नहीं होगा, क्योंकि जब कभी भी इस इस्लामी व्यवस्था को कमज़ोर करने की कोशिश की गयी है तो वह पहले से ज़्यादा ताक़तवर बनकर उभरी है।