इस्लामी गणतंत्र ईरान के दुश्मन सभी धर्मों के दुश्मन हैं: वरिष्ठ ईसाई धर्मगुरू

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इस्लामी गणतंत्र ईरान के दुश्मन सभी धर्मों के दुश्मन हैं: वरिष्ठ ईसाई धर्मगुरू

ईरान के पूर्वी प्रांत आज़रबाइजान के वरिष्ठ ईसाई धर्मगुरू ने कहा है कि ईरान की इस्लामी व्यवस्था, ईश्वरी प्रणाली के सिद्धांतों पर आधारित है और हम मानते हैं कि इस व्यवस्था के दुश्मन, सभी धर्मों के दुश्मन हैं।

ईरान के तबरेज़ शहर में ईसाई समुदाय के शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ ईसाई धर्मगुरू ग्रिकोर चुफ़्तचियान ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई की सूझबूझ और मार्गदर्शन के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ईरान की पवित्र इस्लामी व्यवस्था का मुख्य स्तंभ वरिष्ठ नेता हैं और हम सबको ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिए कि उसने ऐसा विद्वान और महान नेता हमें दिया है।

ईसाई धर्मगुरू ग्रिकोर चुफ़्तचियान ने फ़िलिस्तीन की धरती पर हज़रत ईसा के जन्म का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा शैतान और साम्राज्यवादी शक्तियां फ़िलिस्तीन को टुकड़ों में बांटना चाहती हैं, जबकि फ़िलिस्तीन और  बैतुल मुक़द्दस (यरूशलेम) सभी ईश्वरीय धर्मों के मानने वालों का पवित्र स्थल है। उन्होंने कहा कि यह पवित्र स्थल किसी विशेष समुदाय या मत से विशेष नहीं है। ईसाई धर्मगुरू ने फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ सभी साम्रज्यवादी शक्तियों के षड्यंत्रों की कड़े शब्दों की निंदा की।

ईसाई धर्मगुरू ग्रिकोर चुफ़्तचियान ने विभिन्न धर्मों के बीच परस्पर एकता के लिए ईरान की प्रभावी भूमिका का उल्लेख किया और कहा कि दुनिया, ईरान में इस मज़बूत एकता और स्थिरता को स्पष्ट रूप से देख सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी एकता हमारे दुश्मनों को बर्दाश्त नहीं हो रही है।

ईसाई धर्मगुरू ग्रिकोर चुफ़्तचियान ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि ईरान की इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था सभी धर्मों को समान अधिकार और क़ानून के तहत स्वतंत्रता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि आज ईरान में मौजूद हर धर्म का व्यक्ति पूरी आज़ादी, आपसी एकता और प्रेम के साथ अपना जीवन गुज़ार रहा है और इसी सबको देखकर हमारा दुश्मन हर दिन ग़ुस्से में जलता जा रहा है।  

 

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