तेहरान में इस्लामी प्रचार समन्वय परिषद के प्रमुख ने इस्लामी क्रांति की सफलता की वर्षगांठ के आरंभ के दिन अर्थात पहली फरवरी के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए बताया है कि तेहरान की क्रांतिकारी जनता, इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी के मज़ार पर उपस्थित होकर आज्ञापालन की प्रतिज्ञा दोहराएगी।
हुज्तुलइस्लाम वल मुसलेमीन " मोहसिन महमूदी " ने बुधवार को तेहरान में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस्लामी क्रांति की सफलता की 40वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम गुरुवार की सुबह 9 बजे आरंभ होंगे और इस्लामी इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी के पौत्र, हुज्तुलइस्लाम वल मुसलेमीन सैयद हसन खुमैनी उदघाटन कार्यक्रम में भाषण देंगे।
उन्होंने कहा कि फरवरी सन 1979 में " बहिश्ते ज़हरा " क़ब्रिस्तान में इमाम खुमैनी का भाषण, इस्लामी क्रांति के इतिहास का एक अहम मोड़ है इसी लिए इमाम खुमैनी ने जिस जगह बैठ कर भाषण दिया था उस जगह पर फूलों की बारिश की जाएगी।
हुज्तुलइस्लाम वल मुसलेमीन " मोहसिन महमूदी " ने बताया कि शहीदों के मज़ार के पास परेड की जाएगी, मेहराबाद हवाई अड्डे से बहिश्ते ज़हरा क़ब्रिस्तान तक कि जहां इमाम खुमैनी ने एतिहासिक भाषण दिया था , पूरे रास्ते पर फूल बरसाए जाएंगे, गिरिजाघरों के घंटे बजाए जाएंगे, स्कूलों में निर्धारित समय पर घंटा बजाया जाएगा और इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस्लामी क्रांति की सफलता की 40 वीं वर्षगांठ के कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग 450 रिपोर्टर और फोटोग्राफर करेंगे।
इमाम खुमैनी पहली फरवरी सन 1979 को ईरान आए थे और उनके आने के दस दिनों के भीतर ईरान में इस्लामी क्रांति सफल हो गयी।
ईरान में पहली फरवरी से लेकर 11 फरवरी तक क्रांति की सफलता का जश्न बनाया जाता है।