ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि समस्त साज़िशों और प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान आधुनिक जिहालत के मुक़ाबले में डटा हुआ है।
सीस्तान व बलूचिस्तान के शहीदों की कांग्रेस में मंगलवार को आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली खामेनई का यह बयान प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ईरान की जनता ने अपने ईमान और बलिदान की शक्ति से दुश्मनों की समस्त साज़िशों का डटकर मुक़बाला किया है।
वरिष्ठ नेता के बयान के मुताबिक, अधिक प्रतिभाओं के बावजूद, क़ाजारी और पहलवी शासनों के दौरान सीस्तान व बलूचिस्तान के लोगों की उपेक्षा की गई, जिसकी वजह से लोगों की प्रतिभाएं सामने नहीं आ सकीं।
उन्होंने इस प्रांत को कुर्दिस्तान और गुलिस्तान की भांति, इस्लामी एवं शिया सुन्नी एकता का प्रतीक बताया।
वरिष्ठ नेता का कहना था कि इस्लामी क्रांति की रक्षा करते हुए ईरान-इराक़ युद्ध के दौरान एक सुन्नी युवक या मौलवी की शहादत से पता चलता है कि इस्लामी गणतंत्र में शियों और सुन्नियों ने कठिन परिस्थितियों को मिल-जुलकर सामना किया और इस वास्तविकता एवं सच्ची एकता को उजागकर करने की ज़रूरत है।