भारत की अंतर्राष्ट्रीय पोर्ट कंपनी ने कहा है कि दक्षिण पूर्वी ईरान की चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए पूंजीनिवेश का सिलसिला जा रहेगा।
कंपनी ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने बंदरगाह के पहले फ़ेज़ को विकसित करने के लिए 14 क्रेनों का बंदोबस्त शुरू कर दिया है। यह क्रेनें फ़िनलैंड की एक कंपनी बना रही है जिस पर 18 मिलियन डालर की लागत आएगी।
समझौते के आधार पर इस कंपनी को बंदरगाह के शहीद बहिश्ती स्केलेट का संचालन दस साल के लिए दिया जाएगा जबकि यह कंपनी परियोजना पर साढ़े आठ करोड़ डालर से अधिक का निवेश कर रही है।
चाबहार बंदरगाह की परियोजना को ईरान, भारत और अफ़ग़ानिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मई 2016 में ट्रांज़िट समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।