लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि इस्राईल को यह जान लेना चाहिए कि सीरिया की टी-4 सैन्य छावनी पर हमला करके उसने कितनी बड़ी एेतिहासिक मूर्खता की है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने बैरूत के दक्षिणी ज़ाहिया में एक सम्मेलन में सीरिया की टी फ़ोर सैन्य छावनी पर ज़ायोनी शासन के हालिया हमले की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्राईल की यह अतिक्रमणकारी कार्यवाही, ज़ायोनी शासन के साथ टकराव की नीति में नयी प्रक्रिया सामने आएगी।
उनका कहना था कि सीरिया के हुम्स शहर की टीफ़ोर सैन्य छावनी पर इस्राईल का हमला, लोगों के जनसंहार की इस्राईल की सोची समझी नीति है जो सात साल में अभूतपूर्व है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने सीरिया में तनाव बढ़ने की ओर संकेत करते हुए कहा कि रिपोर्टों से पता चलता है कि पूर्वी ग़ोता के दूमा शहर की घटना, रासायनिक हथियारों के प्रयोग का एक ड्रामा था जो सेना की हर महत्वपूर्ण सफलता के बाद पेश किया जाता है और रासायनिक हथियारों के प्रयोग का खिलवाड़ दोहराया जाता है।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने ट्रम्प की हालिया धमकियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि ट्रम्प की धमकियां इस बात का चिन्ह है कि क्षेत्र को विश्व साम्राज्यवादियों के नये षड्यंत्रों का सामना है।