तेहरान के जुमे के इमाम ने कहा है कि अमरीकी ईरान की प्रगति से क्रोधित हैं और इसी क्रोध में मर जाएंगे।
तेहरान की जुमे की नमाज़ आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी की इमामत में अदा की गयी। उन्होंने नमाज़ के विशेष भाषण में दुश्मन और उनकी साज़िश को पहचानने पर बल देते हुए कहाः "अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की परमाणु समझौते जेसीपीओए के संबंध में कार्यवाही से पता चलता है कि इस देश के अधिकारियों को इस्लाम से दुश्मनी है और वे इस्लामी समाज को नुक़सान पहुंचाने में लगे हुए हैं।"
उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि दुश्मन चाहते हैं कि इस्लामी जगत आर्थिक व सुरक्षा के क्षेत्र में हमेशा मुश्किल में फंसा रहे, कहा कि दुश्मन जानते हैं कि इस्लाम, समाजों की प्रगति, सम्मान और शक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है, इसलिए इस ईश्वरीय धर्म को नुक़सान पहुंचाने में लगे हैं।
तेहरान के जुमे के इमाम ने ईश्वर पर आस्था, दृढ़ता, आंतरिक क्षमता के इस्तेमाल, एकता और युवा व उपयोगी मानव संसाधन के इस्तेमाल को दुश्मन की साज़िशों से निपटने के उपाय बताए।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि भविष्य इस्लामी जगत का है और दुश्मनों का विनाश होगा।