इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने छात्रों से मुलाक़ात में छात्रों की भावनाओं, प्रभावी पहचान के अहसास, ईमानी प्रेरणाओं और लक्ष्यों के प्रति कटिबद्धता को भविषय व ईरान के विकास की आशा बताया है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सोमवार की शाम विभिन्न वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और सामाजिक छात्र संस्थाओं के सैकड़ों प्रतिनिधियों से मुलाक़ात में कहा कि देश की क्षमताओं व संभावनाओं को दृष्टि में रख कर, लक्ष्यों की ओर बढ़ने की प्रक्रिया को गति प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न विभागों की समस्याओं और कमियों को दूर करने का मूल समाधान यह है कि उनमें युवा, सक्रिय, ईमान वाले और जोशीले युवाओं को शामिल किया जाए।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि निश्चित रूप से इस्लामी व्यवस्था आगे की ओर बढ़ रही है और भविष्य आज से बेहतर व युवाओं से संबंधित होगा लेकिन उसके लिए ज़रूरी है कि सीधे मार्ग पर बिना थके निरंतर आगे बढ़ते रहा जाए। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने राष्ट्रीय आत्म विश्वास, राजनैतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक स्वाधीनता और सोच, अभिव्यक्ति और कर्म की आज़ादी को इस्लामी व्यवस्था की उमंगों में से बताया और कहा कि अगर आज़ादी न हो तो समाज में विकास नहीं होगा लेकिन आज़ादी भी क़ानून के परिप्रेक्ष्य में होनी चाहिए अन्यथा वह निरंकुशता का कारण बन जाएगी।