तेहरान के जुमे के इमाम ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान जितना चाहेगा मीज़ाईल का उत्पादन करेगा और उसकी मारक क्षमता बढ़ाएगा।
जुमे की नमाज़ आयतुल्लाह अहमद ख़ातमी की इमामत में पढ़ी गयी। उन्होंने जुमे की नमाज़ में जो विश्व क़ुद्स दिवस के साथ आयोजित हुयी, कहा कि अमरीका और ज़ायोनी शासन इस्लाम और ईश्वर के संयुक्त दुश्मन हैं और वे फ़िलिस्तीन के विषय को भुलाने या इसे अरबी मुद्दा बनाने की साज़िश रच रहे हैं लेकिन आज ज़ायोनी शासन इतना अपमानित हो चुका है कि उसका प्रधान मंत्री योरोप का चक्कर लगा रहा है।
जुमे के इमाम ने कहा कि इन दिनों क्षेत्र की रूढ़ीवादी पिट्ठू सरकारों के बीच भ्रष्ट ज़ायोनी शासन को मान्यता देने के प्रतिस्पर्धा चल रही है लेकिन वे जान लें कि यह प्रतिस्पर्धा उनके पतन की पृष्ठिभूमि बनेगी।
उन्होंने वरिष्ठ धार्मिक नेतृत्व के सिद्धांत, ज़ायोनी शासन से नफ़रत और मीज़ाईल शक्ति को ईरान में एकता के तीन ध्रुव बताते हुए बल दिया कि मीज़ाईल शक्ति, क्षेत्रीय प्रभाव और शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियां ईरान की शक्ति के तीन तत्व हैं और ईरान ने शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों का मार्ग इसलिए चुना क्योंकि इस्लामी शिक्षा सैन्य आयाम वाली परमाणु गतिविधि से रोकती है।