मस्जिदुल अक़सा के इमामे जुमा ने कुछ अरब देशों द्वारा अमरीका की डील ऑफ़ सैंच्यूरी पर सहमति के प्रति चेतावनी दी है।
शुक्रवार को मस्जिदुल अक़सा में जुमे का ख़ुतबा देते हुए शेख़ अकरमा सबरी ने कहा, अमरीका की डील ऑफ़ सैंच्यूरी इस शताब्दी की सबसे बड़ी साज़िश है और इसमें बैतुल मुक़द्दस को हर प्रकार की वार्त से अलग रखा गया है, इसलिए कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का मानना है कि बैतुल मुक़द्दस की फ़ाइल बंद कर दी गई है।
सबरी के अनुसार, तथाकथित डील ऑफ़ सैंच्यूरी का दूसरा ख़तरा, बेघर फ़िलिस्तीनियों की घर वापसी के विषय को ही ख़त्म करना है, हालांकि अपने घरों को वापसी फ़िलिस्तीनियों का मूल अधिकार है और फ़िलिस्तीनी शरणार्थी अपने इस अधिकार से किसी भी क़ीमत पर समझौता नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, इस तथाकथित समझौते में फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में ज़ायोनियों की अवैध बस्तियों को बाक़ी रखने की बात कही गई है, हालांकि यह बस्तियां ग़ैर क़ानूनी हैं, जिन्हें कभी क़ानूनी रूप नहीं दिया जा सकता।