इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने 30 जून को हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) कैडिट कॉलेज के दिक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए जो भाषण दिया था उसको भारत और पाकिस्तान के समाचार पत्रों ने विशेष कवरेज दी है।
भारत से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों, वेब साइटों, समाचार पोर्टलों और कई चैनलों में ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के भाषड़ को प्रमुखता से पेश किया है।
कई भारतीय समाचार पत्रों ने लिखा है कि ईरान के वरिष्ठ नेता का ताज़ा बयान उन सभी अरब देशों के लिए शिक्षाप्रद है जो अमेरिका और पश्चिमी देशों की ग़ुलामी के चक्कर में अरब देशों और मुसलमानों के मान सम्मान का भी सौदा कर रहे हैं।
भारत से प्रकाशित समाचार पत्रः
दैनिक इंक़ेलाब ने लिखा है कि ईरान के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने अपने बयान में कहा है कि " अमेरिका ईरान पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर ईरानी जनता को देश की सरकार के विरुद्ध खड़ा करना चाहता है" वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अमेरिका, ईरानी जनता को इस्लामी व्यवस्था के ख़िलाफ़ खड़ा करने की नाकाम कोशिश कर रहा है, लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद, अमेरिका ईरान के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि ट्रम्प से पहले भी 6 अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान पर दबाव डालने के लिए असफल प्रयास कर चुके हैं और अमेरिका को अभी भी उसके द्वारा किए जा रहे कुप्रयासों से विफलता ही हाथ लगेगी।
समाचार सुबह-नामा अपने लेख में लिखाता है कि, वरिष्ठ नेता ने अपने भाषण में कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, ईरान की होशियार जनता और उसके मज़बूत ईमान पर टिका हुआ है, अमरीका के पिछले सभी राष्ट्रपतियों द्वारा इस्लामी गणतंत्र ईरान के ख़िलाफ़ किए गए तमाम कुप्रयास विफल रहे हैं। ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए जा रहे कड़े आर्थिक प्रतिबंधों के पीछे दुश्मन का लक्ष्य केवल जनता को झुकाना है, लेकिन ईश्वर की कृपा से हम जनता के साथ अपनी घनिष्ठता को और बढ़ाएंगे और अपनी एकता की रक्षा करते हुए मोमिन, उत्सुक और कर्मठ पीढ़ी को तैयार करेंगे।
दूसरी ओर पाकिस्तान से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र, वेबसाइट और टेलीविज़न चैनलों की ख़बरों का शीर्षक, वरिष्ठ नेता के भाषण पर आधारित रहा।
पाकिस्तान से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र एक्सप्रेस ने लिखा हैः
ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने कहा है कि अमेरिका ईरान के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की कार्यवाही करने में अकेला सक्षम नहीं है, अगर वह सक्षम होता तो कभी अपने सहयोगियों से सहायता ने लेता। उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर ईरान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अकेला करना चाहता है और वित्तीय दबाव के माध्यम से ईरानी जनता को सरकार विरोधी करना चाहता है। वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ईरान में अराजकता पैदा करने का भरपूर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका अकेले कार्यवाही करने में सक्षम होता तो कभी भी वह अपने सहयोगियों से मदद नहीं लेता।