आयतुल्लाह मुहम्मद इमामी काशानी ने कहा है कि ज़ायोनी, शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच मतभेदों को हवा दे रहे हैं।
तेहरान के अस्थाई इमामे जुमा ने कहा कि ज़ायोनी पहले तो मुसलमानों के बीच मतभेद फैलाते हैं और बाद में अपने प्रभाव वाले संचार माध्यमों में इन मतभेदों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हुए कहते हैं कि यही वास्तविक इस्लाम है।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने अपने जुमे के ख़ुतबे में कहा कि संचार माध्यमों में ब्रिटिश समर्थित तथाकथित शिया गुट की बातें, सुन्नी और शिया मुसलमानों के बीच मतभेद फैलने का कारण बन रही हैं जो वास्तव में ज़ायोनियों की हार्दिक इच्छा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मुसलमानों के बीच एकता के लिए सबसे उपयुक्त मानदंड "वलीये फ़क़ीह" का है।
तेहरान के इमामे जुमा ने शिया मुसलमानों के छठे इमाम, जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की शहादत की बरसी के संदर्भ में कहा कि जिस तरह से इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम अपने जीवन काल में मुसलमानों के बीच एकता को बनाए रखने के प्रयास किया करते थे उसी प्रकार से इस समय इस्लामी गणतंत्र ईरान, मुस्लिम एकता के लिए प्रयासरत है।
ज्ञात रहे कि 9 जूलाई 2018 को इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की शहादत की बरसी है।