मशहूर ब्रिटिश बैंक स्टैन्डर्ट चार्टर्ड के वरिष्ठ अधिकारी का अनुमान है कि ईरान के तेल उद्योग के ख़िलाफ़ अमरीकी पाबंदियों की वजह से तेल की क़ीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार चली जाएगी।
इरना के अनुसार, पॉल होर्सनल ने कहा है कि ईरान के ख़िलाफ़ अमरीकी पाबंदियों की वजह से 2018 के अंत तक विश्व तेल मंडी में भारी शून्य पैदा होगा। उन्होंने कहा कि इस समय तेल की क़ीमत प्रति बैरल 85 डॉलर है और 100 डॉलर तक पहुंचने में अधिक दूरी नहीं बची है।
अमरीका की ओर से ईरान के तेल निर्यात को रोकने की कोशिश का विरोध बढ़ता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमरीका दबाव के ज़रिए ईरान के तेल निर्यात को पूरी तरह नहीं रोक पाएगा, उसके दबाव की वजह से तेल बाज़ार में उतार चढ़ाए आएगा और तेल की क़ीमत प्रति बैरल 100 डॉलर पहुंच जाएगी।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प का दावा है कि 4 नवंबर 2018 तक जो ईरान के अमरीकी पाबंदियों के लागू होने का दूसरा चरण है, ईरान का तेल निर्यात शून्य तक पहुंच जाएगा।
इसके बावजूद ईरान के तेल के बड़े ख़रीदार देशों ने जिसमें चीन शामिल है, कहा है कि वे ईरान से तेल की ख़रीदारी जारी रखेंगे।