ज़ायोनी शासन ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन से लगी ग़ज़्ज़ा पट्टी की सीमा को बंद सैन्य क्षेत्र घोषित कर दिया है।
इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी शासन की आंतरिक सुरक्षा और गुप्तचर संस्थाओं की ओर से स्थिति का जाएज़ा लिए जाने के बाद इस्राईली सेना ने अपने एक बयान में कहा कि अगले कुछ दिनों में ग़ज़्ज़ा पट्टी के सीमावर्ती क्षेत्रों में और अधिक सैनिकों को तैनात किया जाएगा।
इस्राईली सेना का कहना है कि इस्राईल में घुसपैठ के प्रयासों को विफल बनाने के लिए ठोस कार्यवाहियों का क्रम जारी रहेगा।
ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास पर आरोप लगाते हुए ग़ज़्ज़ा के भीतर और बाहर होने वाली घटनाओं का आरोप हमास पर लगाया है।
30 मार्च से शुरू हुई वापसी मार्च के नाम से फ़िलिस्तीनियों की शांतिपूर्ण रैली में अब तक ज़ायोनी सैनिकों की फ़ायरिंग में 195 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं जबकि 21 हज़ार 600 से अधिक घायल हुए हैं। यह रैली हर शुक्रवार को ग़ज़्ज़ा और इस्राईल की सीमा पर निकाली जाती है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान समेत अधिकतर देशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने ज़ायोनियों के इन अपराधों की निंदा की है। 30 मार्च 1976 को ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों की ज़मीनों को ज़ब्त करने की वर्षगांठ के अवसर पर हर साल रैलियां निकाली जाती हैं। इस साल फ़िलिस्तीनियों ने इस रैली को वापसी मार्च का नाम दिया है और कहा है कि जब उनकी ज़मीनें वापस नहीं दी जातीं वे हर सप्ताह शुक्रवार को रैली निकालते रहेंगे।