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अंतरिक्ष में ईरान की ऊंची छलांग प्रतिबंधों की ज़ंजीरें टूटीं

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अंतरिक्ष में ईरान की ऊंची छलांग  प्रतिबंधों की ज़ंजीरें टूटीं

ईरान का अंतरिक्ष उद्योग ने पिछले हिजरी शम्सी वर्ष 1402 के दौरान 7 अंतरिक्ष प्रक्षेपण कर ज़बरदस्त उपलब्धियां हासिल कीं जबकि उम्मीद है कि 20 उपग्रहों और अंतरिक्ष स्टेशनों का निर्माण करके नये साल में भी कामयाबियों की और भी चोटियां सर की जाएंगी।

ईरान की सर्वोच्च अंतरिक्ष परिषद में देश के दस साल के अंतरिक्ष उद्योग कार्यक्रम की तैयारी और मंज़ूरी, नए उपग्रहों का अनावरण, 7 अंतरिक्ष अनुसंधान और परिचालन प्रक्षेपण, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी वाले देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग विकसित करना, चाबहार में देश के सबसे बड़े अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शुरू करना और शहीद सुलैमानी उपग्रह प्रणाली की डिज़ाइनिंग और निर्माण प्रक्रिया, पिछले वर्ष ईरान के अंतरिक्ष उद्योग के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों में रहा है।

नूर-3 उपग्रह को जो एक जासूस और परखने वाला उपग्रह था, हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की इमाम शुरु होने के समय यानी 8 रबीउल अव्वल को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। इस उपग्रह को तीन चरणों वाले संयुक्त उपग्रह वाहक (सैटेलाइल कैरियर) क़ासिद द्वारा 7.3 की गति से लांच किया गया। बताया जाता है कि पिछले हिजरी शम्सी वर्ष के सातवें महीने में कक्षा में लॉन्च होने के बाद यह धरती से 450 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित हो गया था।

10  वर्षों के बाद पहली बार अंतरिक्ष में ज़िदगी को फिर से शुरु करना, हिजरी शम्सी वर्ष 1402 की अंतरिक्ष उपलब्धियों में था। इसीलिए ईरान के "कावूस" नामक नवीनतम जैविक कैप्सूल को स्वदेशी लांचर "सलमान" के साथ सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था।

यह बायो-कैप्सूल मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना को साकार बनाने के लिए एक वैज्ञानिक, अनुसंधानिक और तकनीकी कार्गो है जिसे इसमें आवश्यक प्रौद्योगिकियों को हासिल करने और विकसित करने के लिए पृथ्वी की सतह से 130 किलोमीटर की ऊंचाई पर लॉन्च किया गया।

इस 500 किलोग्राम कैप्सूल के सफल प्रक्षेपण की वजह से जो ईरान अंतरिक्ष संगठन के अनुरोध पर तैयार किया गया और विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित किया गया था, लॉन्च, रिकवरी सहित अंतरिक्ष मिशन योजना की विभिन्न प्रौद्योगिकियों के विकास, गति नियंत्रण प्रणाली और नुक़सान को बचाने की ढाल, एरोडायनमिक कैप्सूल और अंब्रेला की डिज़ाइनिंग, जैविक स्थितियों के नियंत्रण और निगरानी से संबंधित सिस्टम्स का परीक्षण किया गया।

क़ायम-100 नामक सैटेलाइट कैरियर, ईरान अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा निर्मित एसआरआई अनुसंधान के उपग्रह श्रृंखला का स्वेदशी सुरईया उपग्रह, पिछले हिजरी शम्सी वर्ष के दसवें महीने में 750 किमी की कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था जो ईरान में उपग्रह प्रक्षेपण की ऊंचाई के लेहाज़ से एक नया रिकॉर्ड था।

यह ठोस ईंधन से चलने वाला उपग्रह, लगभग 500 किमी की कक्षा में 100 किलोग्राम वजनी वस्तुओं को ले जाने की क्षमता रखता है जिसने अपने तीसरे परीक्षण प्रक्षेपण में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए लगभग 50 किग्रा भार वाले सुरईया उपग्रह को 750 किमी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने में सक्षम रहा।

इस प्रक्षेपण को उपग्रहों को उच्च कक्षाओं में स्थापित करने की क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया। पिछले हिजरी शम्सी वर्ष के 11वें महीने में पहली बार ईरान के अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने स्वदेशी उपग्रह वाहक यानी सैटेलाइट कैरियर के साथ ही तीन घरेलू उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने में सफलता हासिल की थी।

"मेहदा", "केहान-2" और "हातिफ़-1" जैसे3  ईरानी उपग्रहों को पहली बार सिमुर्ग़ उपग्रह कैरियर से एक साथ लॉन्च किया गया था जिसे देश के रक्षामंत्रालय द्वारा बनाया गया था। इन तीनों सैटेलाइट्स को धरती की 450 किमी की कक्षा में स्थापित किया गया।

यह लेख मेहर समाचार एजेंसी से लिया गया है।

 

 

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