दुनिया के कमज़ोरों के अधिकारों की रक्षा कीजिये ईरानी छात्र यूनियन की राष्ट्रपति से मांग

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दुनिया के कमज़ोरों के अधिकारों की रक्षा कीजिये ईरानी छात्र यूनियन की राष्ट्रपति से मांग

ईरानी छात्रों की यूनियन ने राष्ट्रपति के नाम पत्र में बल देकर कहा है कि ईरान दुनिया के कमज़ोर लोगों का आश्रयस्थल है और उसे सुरक्षा व आश्रयस्थल ही बाक़ी रहना चाहिये।

ईरानी छात्रों की यूनियन ने राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान के नाम पत्र में इस्माईल हनिया की हत्या के संबंध में और दुनिया के कमज़ोर लोगों के अधिकारों के बारे में कुछ बिन्दुओं का उल्लेख किया है और ज़ायोनी दुश्मन को उचित जवाब दिये जाने पर बल दिया है

इस पत्र में पवित्र क़ुरआन की आयतों के उल्लेख के साथ इस्माईल हनिया की हत्या का बदला लेने पर बल दिया गया है और राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान से मांग की गयी है कि वह इस संबंध में क़दम उठायें। ईरानी छात्रों की यूनियन के पत्र में आया है कि ज़ायोनी दुश्मन प्रतिरोध के कमांडरों की हत्या करके यह संदेश देने के प्रयास में है कि ईरान और लेबनान अशांत हैं। इसी प्रकार छात्रों के पत्र में दुश्मन के हमले को ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन बताया गया है।

इसी प्रकार इस पत्र में ईरानी राष्ट्रपति से मांग की गयी है कि दुश्मन को करारा जवाब दिया जाना चाहिये ताकि उससे न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान की छवि की रक्षा होगी बल्कि फ़िलिस्तीनियों के दिलों को सुकून भी मिलेगा। इसी प्रकार ईरानी छात्रों की यूनियन ने अपने पत्र में बल देकर कहा है कि ईरान को कमज़ोरों के आश्रयस्थल के रूप में बाक़ी रहना चाहिये और अपने कार्यों से प्रतिरोध के मोर्चे को मज़बूत करना चाहिये।

पूरा पत्र इस प्रकार है

مِّنَ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ رِجَالࣱ صَدَقُواْ مَا عَٰهَدُواْ ٱللَّهَ عَلَیۡهِۖ فَمِنۡهُم مَّن قَضَیٰ نَحۡبَهُۥ وَمِنۡهُم مَّن یَنتَظِرُۖ وَمَا

जनाब आक़ाये डॉक्टर मसऊद पिज़िश्कियान, राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा के उच्च परिषद के प्रमुख

सलामुन अलैकुम

ज़ायोनी दुश्मन, जो अक़्सा तूफ़ान की घटनाओं में फ़स गया है, सैनिक लड़ाई के क्षेत्र को सुरक्षा के क्षेत्र से जोड़ व मिलाकर जंग में अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहता है। गत रात्रि प्रतिरोध के कमांडरों की हत्या करके रणक्षेत्र को परिवर्तित करने की कोशिश कर रहा है ताकि यह संदेश दे सके कि ईरान और लेबनान में प्रतिरोध के आश्रयस्थल अशांत हैं।

ईरान की इस्लामी व्यवस्था के शक्ति प्रदर्शन के दिन, विश्व के नेताओं और प्रतिरोध के नेताओं की उपस्थिति और राजधानी में इस्माईल हनिया की हत्या हमारी कल्पना से बाहर कटु और दुखदायी है। दुश्मन ने आज उसे शहीद कर दिया है जो ईरान की इस्लामी व्यवस्था को अपना अस्ली आश्रयस्थल समझता था।

शहीद हनिया के हाथ कल इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति के हाथ में थे और अब उन्हें हमारे घर में शहीद कर दिया गया। ईरान के राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने आये मेहमान की हत्या करना, हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करना, प्रतिरोध के मोर्चे को कमज़ोर करना और अक़्सा तूफ़ान के बाद इस्लामी जगत में ईरान की छवि को ख़राब व कमज़ोर करना दुश्मन का कार्यक्रम व लक्ष्य है जो इंशाअल्लाह अपने लक्ष्यों को हासिल करने में नाकाम रहेगा।

जनाब आक़ाये पिज़िश्कियान, दुश्मन ग़लत विश्लेषण करके फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के बारे में जो आपका सही और प्रशंसनीय दृष्टिकोण है उसमें विघ्न उत्पन्न करना और अक़्सा तूफ़ान के आरंभ से इस्लामी गणतंत्र ईरान की उल्लेखनीय भूमिका का जवाब देना चाहता है। गौरव उत्पन्न करने वाले "सच्चा वादा" ऑप्रेशन के बाद दुश्मन को करारे और ठोस जवाब का समय होगा। आज इस्लामी जगत और ईरानी राष्ट्र की मांग यह है कि दुश्मन की कल्पना से परे जवाब दिया जाये ताकि दुश्मन दोबारा अपनी ग़लती की आग में जले।

ईरानी राष्ट्र के भरोसेमंद और ईरान की उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में आपसे अपेक्षा है कि ज़ायोनी दुश्मन को उचित जवाब देने की भूमि प्रशस्त करें। जैसाकि आपने बयान किया कि ऐसा जवाब दिया जायेगा जो अंतरराष्ट्रीय सतह पर ईरान की छवि की रक्षा करेगा और हर चीज़ से अधिक फ़िलिस्तीनियों के दिलों को सुकून मिलेगा और रणक्षेत्र में उनके लिए इस क्षति की वास्तविक भरपाई होगी।

आक़ाये पिज़िश्कियान ईरान की प्रतिक्रिया ऐसी होनी चाहिये जो संतुलन व दृष्टिकोण को परिवर्तित करने के अलावा इस्लामी राष्ट्र के आत्मविश्वास में सहायता करे, ईरान दुनिया के कमज़ोर लोगों का सहारा है और इसे दुनिया के कमज़ोर लोगों के सहारे के रूप में बाक़ी रहना चाहिये और प्रतिरोध के मोर्चे को नुकसान व क्षति पहुंचने से दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के दिलों को जो तकलीफ़ पहुंची है उन्हें हमारी कार्यवाही से अधिक मुत्मईन व संतोष हो जाना चाहिये कि अवैध ज़ायोनी सरकार का अंत होकर रहेगा और वे पूरे विश्वास से ईरान को पहले से अधिक कमज़ोरों का भरोसा व आश्रयस्थल समझें। अल्लाह के फ़ज़्लो करम से प्रतिरोध मोर्चे के बारे में आपका जो प्रतिष्ठित दृष्टिकोण है सच्चे वादे के रूप में दोबारा उसकी पुनरावृत्ति होगी और प्रतिरोध मोर्चे का रोब दोबारा दुश्मनों के दिलों में घुस जायेगा।

हस्ताक्षर करने वाली यूनियनों के नाम

अदालतख़ाह दानिशजूई यूनियन

दानिशजुइयान मुस्तक़िल इस्लामी यूनियन

दफ़्तरे वह्दत इस्लामी यूनियन

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