ईरान की संसद ने राष्ट्र के परमाणु अधिकारों को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से सर्वसम्मति से एक बिल को मंज़ूरी दी है।
यह बिल ऐसी स्थिति में मंज़ूर किया गया है, जब ईरान और गुट पांच धन एक के बीच अंतिम परमाणु समझौते तक पहुंचने की 30 जून की डेडलाईन निकट आ गई है।
रविवार को संसद के खुले सत्र में 199 ईरानी सांसदों ने इस बिल के पक्ष में जबकि 3 ने इसके विरोध में वोट किया। पांच सांसद अनुपस्थित रहे।
बिल में उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा और एनपीटी संधि के अनुसार, गुट पांच धन एक के साथ जारी परमाणु वार्ता का नतीजा वैध होना चाहिए और इसमें तीन शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि विश्व की छः शक्तियों के साथ होने वाले किसी भी परमाणु समझौते में यह सुनिश्चित किया जाए कि जिस दिन ईरान समझौते का पालन शुरू कर दे उस दिन समस्त प्रतिबंधों को हटा लिया जाए।
बिल के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए को केवल ईरान के परमाणु संयंत्रों के निरीक्षण की अनुमति होगी, जबकि ईरान के सैन्य अड्डों, सुरक्षा एवं संवेदनशील केन्द्रों, दस्तावेज़ों और वैज्ञानिकों तक पहुंच की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बिल में ईरानी सरकार से मांग की गई है कि वह शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक की प्राप्ति, शोध और उसके विकास पर किसी भी तरह की पाबंदी को स्वीकार न करे।
सत्र को संबोधित करते हुए ईरान के संसद सभापति अली लारीजानी ने कहा, यह बिल वरिष्ठ नेता द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अंतर्गत ईरानी परमाणु वार्ताकारों को परमाणु मुद्दे के समाधान का पूर्ण अधिकार प्रदान करता है।