तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने इस्लामी के शत्रुओं के षडयंत्रों के मुक़ाबले में मुस्लिम राष्ट्र में शीया सुन्नी एकता की आवश्यकता पर बल दिया।
आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में कहा कि इस समय इस्लामी जगत की हालत बड़ी गंभीर और संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के शत्रु अपनी पूरी शक्ति से इस्लामी जगत में युद्ध की आग भड़काने में लगे हुए हैं।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि क्षेत्र के कुछ देश शत्रुओं की इन साज़िशों के परिणामों पर कोई ध्यान दिए बिना उनके सुर से सुर मिल रहे हैं और अपना पेट्रो डालर आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण पर ख़र्च कर रहे हैं।
आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने इस्लामी जगत के धर्मगुरुओं और प्रतिष्ठित हस्तियों से अपील की कि वह मार्गदर्शन करें और मानवीय व इस्लामी मूल्यों को निशाना बनाने वाली गतिविधियों की रोक थाम में अपनी भूमिका निभाएं।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि कुछ पश्चिमी देश इस धारणा में हैं कि सीरिया, इराक़, लेबनान तथा अन्य देशों में आतंकी संगठनों की सहायता करके वे मुसलमानों को नुक़सान पहुंचाने में कामयाब हो जाएंगे लेकिन यह आग अंततः आतंकियों के समर्थकों को भी भस्म कर देगी।
आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने सऊदी अरब और कुवैत में शीयों पर होने वाले आतंकी हमलों की निंदा की और कहा कि शीया और सुन्नी समुदायों को चाहिए कि बहुत चौकसी बरतते हुए मतभेद उत्पन्न करने वाली साज़िशों का पता लगाएं और उनका मुक़ाबला करें।