लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव ने कहा है कि अमरीका हिज़्बुल्लाह पर जो आरोप लगा रहा है वह वास्तव में उसे बदनाम करने प्रयास है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि अमरीका हिज़्बुल्लाह पर आतंकवाद का निराधार आरोप लगाता है और हिज़्बुल्लाह से लेबनानी युवाओं को दूर करने के लिए अरबों डॅालर खर्च करता है किंतु हम कड़ाई से इन आरोपों का खंडन करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस्राईल , जब और जहां चाहता है हमला कर देता है तो फिर उसको जवाब देना हमारा अधिकार है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि शहीद क़न्तार हमारे अपने हैं, हमारे एक कमांडर हैं और इस्राईलियों ने उन्हें शहीद किया है इस लिए यह हमारा हक़ है कि हम जब और जहां और जैसे चाहें उचित शैली में ज़ायोनी शासन को जवाब दें और हम अपना यह हक़ लेकर रहेंगे।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि विभिन्न पीढ़ियां, प्रतिरोध की विरासत को संजो कर रखती हैं और शहीद क़न्तार और अन्य संघर्षकर्ताओं का ख़ून यह सिद्ध करता है कि प्रतिरोध की पताका कभी झुकने वाली नहीं है भले ही इसके लिए कितनी ही भारी क़ीमत चुकानी क्यों न पड़े।
याद रहे इस्राईली युद्धक विमानों ने हिज़्बुल्लाह के कमांडर समीर कन्तार को उनके घर पर हमला करके शहीद कर दिया। वह 29 साल इस्राईली जेल में रहने के बाद बंदियों के तबादले में रिहा हुए थे।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने इसी प्रकार नाइजीरिया के ज़ारिया नगर में सैनिकों के हाथों निहत्थे लोगों की हत्या और उस पर विश्व समुदाय की चुप्पी की भी कड़ी आलोचना की।