Print this page

मस्जिदु अक़सा तुम्हारी नहीं हमारीः नेतनयाहू

Rate this item
(0 votes)
मस्जिदु अक़सा तुम्हारी नहीं हमारीः नेतनयाहू

नेतनयाहू ने अन्तर्राष्ट्रीय संस्था यूनेस्को के उस प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है जिसमें कहा गया है कि मस्जिदुल अक़सा केवल मुसलमानों का उपासना स्थल है।

उन्होंने कहा कि यूनेस्कों ने यह बेवक़ूफ़ी का प्रस्ताव पारित किया है जिसमें मस्जिदुल अक़सा को मुसलमानों का उपासना स्थल बताया गया है। इसमें इसी प्रकार धार्मिक स्थलों तक मुसलमानों की पहुंच को सीमित करने और ग़ज़्ज़ा के परिवेष्टन की कड़ी शब्दों में निंदा की गई है। यूनेस्को के इस प्रस्ताव को इस्राईल को अतिग्रहणकारी शक्ति बताया गया है।

यूनेस्को के इस प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि ज़ायोनी शासन, क्षेत्र में मुसलमानों की निशानियों को तोड़ रहा है।

प्रस्ताव के अनुसार ज़ायोनी शासन के हाथों ग़ज़्ज़ा के परिवेष्टन के कारण ग़ज़्ज़ा वासियों के लिए मानवता प्रेमी सहायता भेजने में नाना प्रकार की समसयाएं आ रही हैं।

उल्लेखनीय है कि फ़िलिस्तीनियों की ओर से ज़ायोनी शासन के नियंत्रण वाले क्षेत्रों के यहूदीकरण की बात बहुत समय से कही जा रही है।

Read 1213 times