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सुरक्षा परिषद की अक्षमता भी है ग़ज़्ज़ा में युद्ध विराम की रुकावट

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सुरक्षा परिषद की अक्षमता भी है ग़ज़्ज़ा में युद्ध विराम की रुकावट

विदेशमंत्री कहते हैं कि ग़ज़्ज़ा में जनसंहार ने शताब्दी की अभूतपूर्व आपदा की चेतावनी की घंटी बजा दी है।

ग़ज़्ज़ावासियों के जारी जनसंहार के दृष्टिगत इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव, राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के प्रमुख, ओआईसी के महासचिव और इस संस्था के सदस्य देशों के विदेशमंत्रियों के नाम अलग-अलग पत्र भेजे हैं।

अपने पत्र में हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान लिखते हैं कि एसे हालात में कि जब हम ग़ज़्ज़ा में निर्दोष फ़िलिस्तीनियों पर किये जा रहे घोर अत्याचारों को रूकवाने में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की अक्षमता को देख रहे हैं तो फिर फ़िलिस्तीनियों के समर्थन के लिए ग़ज़्ज़ा में तत्काल युद्ध विराम कराने के उद्देश्य से विश्व समुदाय की ओर से गंभीर क़दम उठाना अब अपरिहार्य हो गया है।

उनका कहना था कि जिस तरह से ग़ज़्ज़ा में लगातार हमले किये जा रहे हैं और ग़ज़्ज़ावासियों के लिए मानवीय सहायता के साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं को भी रोका जा रहा है उससे लगता है कि यह काम फ़िलिस्तीनियों की नस्ल को समाप्त करने के उद्देश्य से किये जा रहे हैं।  इसी काम ने वर्तमान शताब्दी की आपदा के लिए चेतावनी की घंटी बजा दी है।

ईरान के विदेशमंत्री कहते हैं कि ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियां सिद्ध करती हैं कि यह अवैध शासन, जानबूझकर फ़िलिस्तीनियों के समूल विनाश की योजना को क्रियान्वित कर रहा है।  हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान कहते हैं कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, अवैध ज़ायोनी शासन की इन कार्यवाहियों की खुलकर भर्त्सना करता है।

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