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AMU ने नहीं हटाया इंडो-इस्लामिक इतिहास, यूनिवर्सिटी का आया बयान

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AMU ने नहीं हटाया इंडो-इस्लामिक इतिहास, यूनिवर्सिटी का आया बयान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने 11वीं कक्षा में प्रवेश परीक्षा के पाठ्यक्रम से इंडो-इस्लामिक इतिहास पर कुछ विषयों को "हटाने" की ख़बरों का खंडन करते हुए इन्हे अफवाह बताया है। AMU ने एक आधिकारिक बयान में "यूनिवर्सिटी के चरित्र को कमजोर करने के मकसद से पाठ्यक्रम में जानबूझकर छेड़छाड़" के इल्जामों को "पूरी तरह से निराधार" बताया।

यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एक गलत धारणा बनाई जा रही है कि कुछ विषयों को हटाने का कदम नई कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून के निर्देश पर उठाया गया है।

वहीँ यूनिवर्सिटी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि "पाठ्यक्रम को अपडेट करने की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, समय-समय पर पाठ्यक्रम को संशोधित करना हमेशा से एक परंपरा रही है। इंडो इस्लामिक इतिहास में भारत में मुसलमानों के आगमन, उनके शासन और प्रभाव के साथ उनकी संस्कृति के बारे में पढ़ाया जाता है।

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