Print this page

9 रबीउल अव्वल को "ज़हूर-ए-मुंज़ी-ए-आलम बशरियत" के शीर्षक से एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस

Rate this item
(0 votes)
9 रबीउल अव्वल को "ज़हूर-ए-मुंज़ी-ए-आलम बशरियत" के शीर्षक से एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस

ज़हूर-ए-मुंज़ी-ए-आलम बशरियत" के शीर्षक से एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मशहूर उलमा और शिक्षकों कि तकारीर शामिल होंगी।यह कार्यक्रम शुक्रवार, 23 सितंबर 2024 को रात 9 बजे ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा ज़हूर और मुंज़ी से संबंधित विषयों में रुचि रखने वाले लोग इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर विभिन्न विचारों और विश्लेषणों से लाभ उठा सकते हैं।

ज़हूर-ए-मुंज़ी-ए-आलम बशरियत" के शीर्षक से एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मशहूर उलमा और शिक्षकों कि तकारीर  शामिल होंगी।यह कार्यक्रम शुक्रवार, 23 सितंबर 2024 को रात 9 बजे ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा।

ज़हूर और मुंज़ी से संबंधित विषयों में रुचि रखने वाले लोग इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर विभिन्न विचारों और विश्लेषणों से लाभ उठा सकते हैं।

‎इस कॉन्फ्रेंस में:

मस्जिदे जमकरान क़ुम ईरान के मुतवल्ली, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन उजाक नेज़ाद,

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हैदर आफ़ताब रिज़वी (इमामे जुमआ केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका)

याक़ूब तौकली इतिहासकार और

भारत से आयतुल्लाह नजमुल मिल्लत र.ह.

मौलाना सैयद इमान अहमद लखनऊ (सामाजिक कार्यकर्ता और 'राह-ए-नाब' के संस्थापक ,‎ज़हूर-ए-मुंज़ी पर अलग अलग पहलुओं से चर्चा करेंगे।

‎इसके अलावा मुकर्रेरीन में :तौफ़ीक अलविया क़ुरानी शोधकर्ता, लेबनान,शेख़ मुर्तज़ा (धार्मिक प्रचारक, तुर्की)

डॉ. हमीद रज़ा बेगदली यूनिवर्सिटी ऑफ़ अदयान व मजाहिब के फैकल्टी सदस्य और डॉ. ईरान रक़्नाबादी मजमए अहल-ए-बैत की महिला मामलों की निदेशक शामिल हैं।

‎यह कार्यक्रम शुक्रवार, 23 सितंबर 2024 को रात 9 बजे ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। ज़हूर और मुंज़ी से संबंधित विषयों में रुचि रखने वाले लोग इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर विभिन्न विचारों और विश्लेषणों से लाभ उठा सकते हैं। यह कार्यक्रम विभिन्न चैनलों पर भी प्रसारित किया जाएगा।

Read 130 times