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पश्चिमी युवाओं को नशीली दवाओं से बचाने के लिए ईरान पैसा खर्च करता है

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पश्चिमी युवाओं को नशीली दवाओं से बचाने के लिए ईरान पैसा खर्च करता है

ईरान अभी भी अफ़ग़ानिस्तान से यूरोपीय देशों तक नशीले पदार्थों की तस्करी के मुख्य पारगमन मार्गों में से एक है और इस देश ने नशीले पदार्थों के नियंत्रण की वैश्विक चुनौती में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

अपनी इंसानी ज़िम्मेदारियों के अनुरूप, ईरान ने पिछले कुछ दशकों में मादक पदार्थों की तस्करी के ख़िलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस क्षेत्र में भारी निवेश के साथ, ईरान पश्चिम एशिया में मादक पदार्थों की खोज और विनाश के क्षेत्र में एक बड़ी बाधा बनने में कामयाब रहा है।

दूसरी ओर, ईरान के मादक पदार्थ विरोधी मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकियों की 20 साल की उपस्थिति, मादक पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक रही है, इसीलिए वर्ष 2000 में, अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़े के समय, इस देश के कुल नशीले पदार्थ का उत्पादन लगभग 200 टन था, लेकिन 2021 में, यह मात्रा 9,500 टन तक पहुंच गई, जिसका मतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिकियों की उपस्थिति के दौरान नशीले पदार्थों का उत्पादन पचास गुना बढ़ गया।

ऐसी स्थिति में, यदि इस अशुभ घटना को रोकने के लिए ईरान के अथक प्रयास और लगातार जारी उपाय न होते, तो नशीले पदार्थों की लत की व्यापकता के मामले में दुनिया की स्थिति बहुत खराब हो जाती, मिसाल के तौर पर, इस्लामी गणतंत्र ईरान, उत्पादन के मुख्य स्रोत (अफ़ग़ानिस्तान) से नज़दीकी की वजह से और यूरोप के लिए निकटतम मार्ग है, जो मुख्य बाजार और तस्करों का अंतिम गंतव्य है जिसमें 4 हज़ार से अधिक शहीद और 12 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं जबकि प्रति वर्ष एक अरब डॉलर से अधिक का ख़र्च करके देश में नशीली दवाओं की तस्करी और दूसरे देशों में इसके प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से की गई सीमाओं की नाकेबंदी से तीन दशकों में 12 हजार टन से अधिक विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों की खोज की जा सकी है।

दूसरी ओर, ईरान के खिलाफ क्रूर प्रतिबंधों और मादक पदार्थों की तस्करी से लड़ने की व्यापक चुनौतियों के बावजूद, ईरान मादक पदार्थों की तस्करी के पारगमन मार्ग को इस तरह से अवरुद्ध करने में सक्षम रहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में ईरान को ध्वजवाहक के रूप में याद किया है।

इस संबंध में, राष्ट्रपति के प्रतिनिधि और ईरान के एंटी-नारकोटिक्स मुख्यालय के महासचिव हुसैन जुल्फ़ेक़ारी ने सोमवार को वियना में संयुक्त राष्ट्र संघ के यूरोपीय मुख्यालय में नारकोटिक ड्रग्स पर आयोग की 68 वीं वार्षिक बैठक में दवाओं की वैश्विक समस्या से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सिफारिशें पेश करते हुए कहते हैं: सहयोग को बढ़ावा देना, सूचनाओं के आदान प्रदान के तंत्र को मज़बूत करना, अनुभवों का हस्तांतरण, तकनीकी सहायता, उपकरणों का प्रावधान और नशीले पदार्थों की खेती, उत्पादन, पारगमन और खपत से प्रभावित देशों को आवश्यक टेक्नालाजीज़ का हस्तांतरण, नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए आवश्यक हैं।

श्री हुसैन जुल्फ़िक़ारी ने मादक पदार्थों के ख़िलाफ लड़ाई में एकतरफा प्रतिबंधों को सबसे महत्वपूर्ण समस्या माना और नारकोटिक्स आयोग तथा मानवाधिकार परिषद के कई प्रस्तावों के कार्यान्वयन के अनुरूप, उन्होंने प्रतिबंधों को समाप्त करने और मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति के देशों को प्रभावी तकनीकी और उपकरण सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है।

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