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अलअज़हर ने नेतन्याहू की गिरफ़्तारी की मांग की

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अलअज़हर ने नेतन्याहू की गिरफ़्तारी की मांग की

मिस्र के अलअज़हर विश्वविद्यालय ने हंगरी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के फैसले को नज़रअंदाज़ करने के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को युद्ध अपराधी के रूप में गिरफ़्तार करने की मांग की है।

अलअज़हर ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि ICC वैश्विक न्याय का प्रतीक है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को युद्ध अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए एकजुट होना चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हंगरी ने ICC द्वारा जारी अंतर्राष्ट्रीय गिरफ़्तारी वारंट के बावजूद नेतन्याहू का स्वागत किया। 

अलअज़हर ने अपने बयान में कहा कि सभी मनुष्य कानून के सामने समान हैं और किसी को भी मानवाधिकारों का उल्लंघन या मानव जीवन की अवहेलना करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है अन्यथा दुनिया में जंगल का कानून लागू हो जाएगा। 

अलअज़हर ने आगे कहा कि चुप्पी और अधिक अत्याचारों का मार्ग प्रशस्त करती है और गाजा में जारी अत्याचार एक बड़ी तबाही के शुरुआती संकेत हैं। 

बयान में यह भी ज़ोर दिया गया कि अंतर्राष्ट्रीय फैसलों का सम्मान केवल एक कानूनी ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि एक नैतिक और मानवीय सिद्धांत है जो दुनिया में शांति और न्याय स्थापित करने के लिए आवश्यक है। 

उल्लेखनीय है कि नवंबर 2024 में ICC ने गाजा में युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था। हालांकि, इस फैसले के बावजूद नेतन्याहू ने हंगरी का दौरा किया और वहां के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान से मुलाकात की। 

हंगरी पर इस वारंट को लागू करने के लिए दबाव बढ़ने के बाद, उसने ICC से अलग होने की घोषणा कर दी और कहा कि वह नेतन्याहू के गिरफ़्तारी वारंट पर अमल नहीं करेगा। 

यह दौरा मानवाधिकार संगठनों और कई देशों की तीखी आलोचना का कारण बना वहीं, ICC ने स्पष्ट किया है कि हंगरी अभी भी इस न्यायालय के साथ सहयोग करने के लिए बाध्य है।नेतन्याहू ने हंगरी के इस कदम का स्वागत करते हुए ICC को भ्रष्ट संस्था बताया है।

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