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ईरानी विदेश मंत्रालय ने इस्राईली शासन के अपराधों की कड़ी निंदा की

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ईरानी विदेश मंत्रालय ने इस्राईली शासन के अपराधों की कड़ी निंदा की

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बकाई ने फ़िलिस्तीन के कब्ज़े वाले इलाकों, खासकर ग़ाज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में इस्राईली शासन के हमलों, आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की बेरहमी से हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है।

बकाई ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रतिनिधि, अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग, डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स, FAO, UNICEF और UNRWA जैसी कई संस्थाओं की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि,इस्राईली शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों की हत्या, स्वास्थ्य केंद्रों और बुनियादी ढांचे पर हमले, मानवीय सहायता और ज़रूरी वस्तुओं की रोकथाम, ग़ाज़ा की पूरी नाकाबंदी, पानी, बिजली और ईंधन की कटौती और फ़िलिस्तीनियों की सामूहिक हत्या न केवल युद्ध अपराध हैं, बल्कि मानवता के खिलाफ किए गए स्पष्ट अपराध हैं। इस्राईली अधिकारियों और नेताओं को इन अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के हालिया बयानों का हवाला देते हुए कहा कि ग़ाज़ा की तबाह होती स्थिति में सबसे ज़्यादा प्रभावित बच्चे और महिलाएं हैं, जिन्हें लगातार बमबारी, महामारी और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है।यह सब एक संगठित योजना के तहत हो रहा है जिसका मक़सद फ़िलिस्तीनी लोगों की आवाज़ को दबाना और उनकी पहचान को मिटाना है।

प्रवक्ता ने कहा,इस्राईली शासन जानबूझकर राहतकर्मियों और पत्रकारों को निशाना बना रहा है ताकि ग़ाज़ा के पीड़ित लोगों की आवाज़ को दुनिया तक पहुंचने से रोका जा सके। लेकिन फ़िलिस्तीनी पत्रकारों की बहादुरी, ‘नरसंहार बंद करो’ जैसे वैश्विक अभियानों, स्वतंत्र मीडिया और विश्वभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने इन अपराधों को उजागर करने का एक नया मंच प्रदान किया है।

अंत में बकाई ने उन संस्थाओं, मीडिया संगठनों और प्रदर्शनकारियों का शुक्रिया अदा किया जो फ़िलिस्तीन के पीड़ितों की आवाज़ बन रहे हैं। उन्होंने सभी सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, मानवाधिकार निकायों और खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की है वो तुरंत और निर्णायक क़दम उठाएं ताकि इन भयावह अपराधों को रोका जा सके और ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दिलाई जा सके।

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