फ़िलिस्तीनी स्वायत्त प्रशासन के विदेश मंत्रालय ने इब्रानी मीडिया में ज़ायोनी बस्तियों से जुड़ी संगठनों द्वारा मस्जिद ए अक़्सा को ढहाने और उसकी जगह जाली हैकल ए सुलेमान बनाने की योजनाओं को लेकर चेतावनी दी है।
फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि यह योजनाएँ बहुत ही खतरनाक हैं और यह यहूदी उग्रपंथी संगठनों से जुड़े मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जानबूझकर फैलाई जा रही उकसावे वाली बातों का हिस्सा हैं।
फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी "वफ़ा" के मुताबिक़, मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इस तरह की घोषणाएँ एक सोची-समझी उकसावे की कोशिश हैं, जिनका उद्देश्य कब्ज़े वाले यरूशलेम (बैतुल-मक़दिस) में इस्लामी और ईसाई पवित्र स्थलों को निशाना बनाना है।
खास तौर पर, इस समय जब ग़ाज़ा में हो रहे नरसंहार पर वैश्विक प्रतिक्रिया कमज़ोर दिख रही है, इसराइल में सत्ता में बैठे अतिदक्षिणपंथी गुट इस अवसर का फायदा उठाकर अपने विस्तारवादी और नस्लभेदी 'यहूदीकरण' के एजेंडे को तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं।
फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और वैश्विक संगठनों से अपील की है कि वे इन भड़काऊ कार्रवाइयों को गंभीरता से लें और (यहूदी उग्रपंथी) सरकार को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत रोकेँ, जो फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ अत्याचार कर रही है।
ग़ौरतलब है कि पिछले गुरुवार को हज़ारों यहूदी उग्रवादियों ने यहूदी त्योहार 'पेसह' के पाँचवें दिन मस्जिद ए अक्सा और बाबुर्रहमा (रहमत का द्वार) पर हमला बोला था।